iGrain India - इंदौर । केन्द्रीय कपड़ा मंत्रालय की अधीनस्थ एजेंसी- भारतीय कपास निगम (सीसीआई) द्वारा चालू मार्केटिंग सीजन के दौरान मध्य प्रदेश की मंडियों से अब तक करीब 6.35 लाख क्विंटल रूई की खरीद की जा चुकी है क्योंकि वहां इसका भाव घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे आ गया था। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार रूई की यह खरीद फरवरी में उस समय तक की गई जब इसका भाव नीचे चल रहा था।
बाद में जब दाम सुधरकर एमएसपी से ऊपर पहुंच गया तब खरीद की प्रक्रिया स्थगित कर दी गई। कपास की खरीद के लिए निगम द्वारा इस बार मध्य प्रदेश में 21 क्रय केन्द्र खोले गए थे।
अधिकारियों का कहना है कि देश के अनेक क्षेत्रों में भारी आवक एवं कमजोर मांग के कारण जब कपास का भाव घटकर समर्थन मूल्य से नीचे आ गया था तब निगम को इसकी खरीद के लिए मार्केट में हस्तक्षेप करना पड़ा और उसी दौरान इसकी खरीदारी मध्य प्रदेश में भी शुरू की गई। उस समय वैश्विक बाजार में भी रूई की मांग कमजोर चल रही थी।
उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने 2023-24 के मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के लिए कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य लम्बे रेशे वाली श्रेणी के लिए 7020 रुपए प्रति क्विंटल तथा मध्यम रेशे वाली किस्मों के लिए 6620 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।
2022-23 के मार्केटिंग सीजन में निगम को किसानों से कपास खरीदने का अवसर नहीं मिला था क्योंकि इसका थोक मंडी भाव एमएसपी से ऊपर चल रहा था।
अब हाजिर बाजार में कपास की आवक घटने लगी है और वैश्विक बाजार भाव ऊंचा तथा तेज होने से इसकी निर्यात मांग बढ़ने लगी है। आगामी सप्ताहों के दौरान आपूर्ति में और भी गिरावट आने की संभावना है।
कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने मध्य प्रदेश में कपास का उत्पादन पिछले सीजन के 19 लाख गांठ से घटकर चालू सीजन में 18 लाख गांठ रह जाने का अनुमान लगाया है।