iGrain India - नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने संकेत दिया है कि खुले बाजार बिक्री योजना (ओ एम एस एस) के तहत गेहूं एवं चावल की बिक्री को जारी रखने के लिए तैयार है। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार इस बार व्यापारियों-स्टॉकिस्टों को गेहूं बाजार से दूर रखकर स्वयं इसकी खरीद का लक्ष्य हासिल करना चाहती है। पहले 300-320 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया था मगर अब 373 लाख टन की खरीद का प्लान बनाया गया है। ओ एम एस एस के तहत अगले वित्त वर्ष में ई-नीलामी के जरिये समूचे देश में मिलर्स-प्रोसेसर्स को 2275 रूपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की बिक्री किये जाने की संभावना है।
भारतीय खाद्य निगम ने बफर स्टॉक से अधिक गेहूं को ओ एम एस एस के तहत बेचने का प्रस्ताव रखा था जिसे खाद्य मंत्रालय ने स्वीकृति दे दी लेकिन यह नीति 1 अप्रैल से 31 जुलाई 2024 तक वैध रहेगी। गेहूं की वास्तविक खरीद एवं बाजार में प्रचलित कीमत के आधार पर जुलाई में पूरी स्थिति की समीक्षा की जाएगी और फिर वित्त वर्ष 2024-25 के शेष समय के लिए गेहूं का आरक्षित (बिक्री) मूल्य निर्धारित किया जायेगा। गेंहू का दाम एफ ए क्यू के लिए 2300 रूपए प्रति क्विंटल तथा यू आर एस के लिए 2275 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया जायेगा। देश के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों-उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान तथा बिहार आदि में नई फसल की खरीद के दौरान (अप्रैल-जून में) ई-नीलामी बंद रहेगी। चावल की बिक्री 31 जुलाई तक 3100 रूपए प्रति क्विंटल की दर से समूचे देश में की जाएगी।