iGrain India - नई दिल्ली । यद्यपि सरकार एथनॉल निर्माण में उपयोग के लिए मक्का की भारी खरीद करने की तैयारी कर रही है लेकिन जिस तरह से बाजार भाव ऊंचा और तेज हो रहा है उसे देखते हुए लगता है कि सरकार को मक्का खरीदने में कठिनाई हो सकती है। प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में मक्का का दाम हाल के महीनों में काफी तेज हुआ है।
उल्लेखनीय है कि एथनॉल निर्माण के लिए डिस्टीलरीज को मक्का उपलब्ध करवाने का संकल्प पहले ही व्यक्त कर चुकी है मगर ये एजेंसियां किसानों से प्रचलित बाजार भाव के बजाए केन्द्र सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर करने की इच्छुक है।
केन्द्रीय एजेंसियां 40 से अधिक डिस्टीलरीज के पास आपसी सहमति के समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर कर चुकी है जिसके तहत उसे मक्का उपलब्ध करवाया जाएगा।
समीक्षकों के अनुसार चूंकि घरेलू बाजार भाव ऊंचा और तेज चल रहा है इसलिए किसान सरकारी एजेंसियों के बजाए प्राइवेट व्यापारियों, पशु आहार-पॉल्ट्री फीड निर्माताओं तथा स्टार्च निर्माताओं को अपना मक्का बेचने में प्राथमिकता दे सकते हैं।
सरकार 2022-23 2024 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन हेतु मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2090 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित कर रखा है।
वरिष्ठ आधिकारिक सूत्रों के अनुसार किसानों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है और बिहार में जब अप्रैल के अंत या मई का आरंभ में रबी कालीन मक्के की आवक शुरू होगी तथा कीमतों में कुछ नरमी आएगी तब इसकी जोरदार खरीद आरंभ की जाएगी।
व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक बिहार का सुप्रसिद्ध गुलाब बाग़ मंडी में मक्का औसत भाव फरवरी में 2300 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा था जो मार्च में बढ़कर 2400 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। सरकार ने मक्का का उत्पादन 2022-23 के 380 लाख टन घटकर 2023-24 में 324 लाख टन रह जाने का अनुमान लगाया है।