iGrain India - नई दिल्ली । पिछले साल की तुलना में चालू वर्ष के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर ग्रीष्मकालीन फसलों के बिजाई क्षेत्र में बढ़ोत्तरी हुई है। 3 मई 2024 तक के आंकड़ों से पता चलता है कि दलहन फसलों का उत्पादन क्षेत्र 19.43 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 20.20 लाख हेक्टेयर तथा तिलहन फसलों का बिजाई क्षेत्र 8.83 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 10.19 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान दलहन फसलों के संवर्ग में मूंग का उत्पादन क्षेत्र तो 15.89 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 16.76 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा मगर उड़द का बिजाई क्षेत्र 3.24 लाख हेक्टेयर से गिरकर 3.19 लाख हेक्टेयर तथा अन्य दलहनों का रकबा 29 हजार हेक्टेयर से फिसलकर 24 हजार हेक्टेयर रह गया।
ग्रीष्मकालीन या जायद सीजन के दलहनों के प्रमुख उत्पादक राज्यों में मध्य प्रदेश, बिहार, गुजरात एवं उत्तर प्रदेश आदि शामिल हैं।
जहां तक तिलहन फसलों का सवाल है तो इसका उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष से 36 हजार हेक्टेयर आगे हो गया है। इसके तहत मूंगफली का बिजाई क्षेत्र 4.63 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 4.70 लाख हेक्टेयर, तिल का क्षेत्रफल 4.61 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 4.89 लाख हेक्टेयर तथा सूरजमुखी का रकबा 32 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 34 हजार हेक्टेयर पर पहुंचा गया
जबकि अन्य दलहनों का बिजाई क्षेत्र 27 हजार हेक्टेयर से गिरकर 25 हजार हेक्टेयर पर अटक गया। जायद सीजन की दलहन-तिलहन फसलों की बिजाई लगभग समाप्त हो चुकी है और अगैती बिजाई वाली फसलें पकने लगी है।
प्रमुख उत्पादक प्रांतों में मौसम लगभग सामान्य है और फसलों की हालत भी संतोषजनक बताई जा रही है।