iGrain India - नई दिल्ली । केंद्र सरकार गैर बासमती सफेद चावल तथा टुकड़ी चावल के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने पर विचार कर सकती है उल्लेखनीय है कि सितबर 2022 से टुकड़ी चावल (ब्रोकन राइस) तथा जुलाई 2023 से सफेद (कच्चे) चावल के व्यापारिक निर्यात पर रोक लगी हुई है।
खरीफ कालीन धान की खेती अगले महीने (जून) से आरम्भ होने वाली है और सरकार पहले इसके क्षेत्रफल और मौसम तथा मानसून की स्थिति का आंकलन करेगी। इस बार मानसून की बारिश अच्छी होने की उम्मीद है। यदि सारी परस्थितियां अनुकूल रही तो चावल के निर्यात की अनुमति देने पर गम्भीरतापूर्वक विचार किया जा सकता है।
केंद्रीय पूल में चावल की भारी-भरकम अधिशेष स्टॉक मौजूद है जबकि आगामी खरीफ सीजन में उत्पादन भी बेहतर होने के आसार है। हालांकि चावल के घरेलू बाजार भाव में अपेक्षित गिरावट नहीं आई है
लेकिन निर्यातकों का कहना है कि निर्यात की प्रक्रिया दोबारा शुरू होने पर भी इसके दाम में कोई विशेष तेजी नहीं आएगी। दिलचस्प तथ्य यह है कि निर्यात प्रतिबंध लागू रहने तथा सरकारी एजेंसियो द्वारा 29 रूपए प्रति किलो की दर से बिक्री जारी रखने के बावजूद सफेद चावल के मूल्य में कोई खास नरमी नहीं आई है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार आगामी खरीफ उत्पादन के बेहतर परिदृश्य को देखते हुए चावल निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने पर विचार करने की आवश्यकता है।
खरीफ सीजन के दौरान देश में करीब 80 प्रतिशत चावल का उत्पादन होता है मौसम विभाग के मुताबिक इस बार जून-सितम्बर के दौरान सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश होने के 90 प्रतिशत चांस है इससे खासकर धान की फसल को भारी फायदा होगा क्योंकि इसे सिंचाई के लिए सर्वाधिक पानी की आवश्यकता पड़ती है।
हालांकि मार्च में चावल की महंगाई दर में 12.7 प्रतिशत का इजाफा हुआ मगर आगामी महीनो में इसके नरम पड़ने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2022 से ही चावल की महंगाई दर दो अंको में बनी हुई है। खाद्य निगम के पास अभी करीब 532 लाख टन चावल का स्टॉक मौजूद है।