iGrain India - नई दिल्ली । चीनी का उत्पादन 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन में घरेलू मांग एवं खपत से करीब 30-35 लाख टन अधिक होने का अनुमान है जिसे देखते हुए इस्मा द्वारा सरकार से 20 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति देने की जोरदार मांग की जा रही है मगर सरकार इस पर अभी ध्यान देने के मूड में नहीं है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सरकार की प्राथमिकता सूची में चीनी का निर्यात तीसरे नम्बर पर है जबकि पहले स्थान पर घरेलू प्रभाग में इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाना तथा दूसरे नम्बर पर एथनॉल उत्पादन में वृद्धि करना है।
चूंकि अभी चुनावी मौसम जारी है इसलिए सरकार चीनी का निर्यात खोलने के मूड में नहीं है। जून के प्रथम सप्ताह में चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद जब केन्द्र में नई सरकार का गठन होगा तब प्रत्येक मामले की समीक्षा हो सकती है।
हकीकत तो यह है कि अगली नई सरकार भी जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेना चाहेगी और पहले मानसून की वर्षा पर गहरी नजर रखेगी।
जून से सितम्बर के बीच मानसून का सीजन रहता है और इसमें होने वाली बारिश गन्ना सहित अन्य खरीफ फसलों के उत्पादन पर गहरा असर डालती है।
इस्मा के मुताबिक चालू सीजन में चीनी का घरेलू उत्पादन 320 लाख टन तक पहुंचने की उम्मीद है जबकि 56-57 लाख टन का पिछला बकाया स्टॉक मौजूद था।
चीनी की घरेलू खपत 285 लाख टन होने की संभावना है इसलिए 20 लाख टन के निर्यात की अनुमति देने पर भी घरेलू बाजार काफी हद तक अप्रभावित रहेगा जबकि उद्योग को कुछ वित्तीय सहारा मिल जाएगा।