iGrain India - मुम्बई । एक अग्रणी उद्योग संस्था- सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) द्वारा संकलित आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल में पाम तेल का आयात तो बढ़कर गत तीन माह के ऊंचे स्तर पर पहुंच गया मगर सूरजमुखी तेल के आयात में थोड़ी गिरावट आ गई।
मार्च की तुलना में अप्रैल के दौरान पाम तेल का आयात 40.9 प्रतिशत बढ़कर 6.84 लाख टन पर पहुंच गया जो फरवरी के आयात से भी ज्यादा रहा।
व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक भारत संसार में वनस्पति तेलों का सबसे प्रमुख आयातक देश है और यहां पाम तेल का आयात बढ़ने से मलेशिया में इसके बेंचमार्क वायदा मूल्य को अच्छा समर्थन मिल सकता है।
समीक्षकों के मुताबिक क्रूड पाम तेल (सीपीओ) का भारत पहुंच ऑफर मूल्य जून डिलीवरी के लिए 920 डॉलर प्रति टन चल रहा है जिसमें लागत मूल्य, बीमा एवं परिवहन तेल का ऑफर मूल्य 945 डॉलर प्रति टन बताया जा रहा है।
मार्च की तुलना में अप्रैल के दौरान सूरजमुखी तेल का आयात 47.3 प्रतिशत घटकर 2.35 लाख टन पर अटक गया जबकि सोयाबीन तेल का आयात 76.4 प्रतिशत उछलकर 3.86 लाख टन से करीब पहुंच गया।
पाम तेल एवं सोयाबीन तेल का आयात में भारी बढ़ोत्तरी होने से भारत में खाद्य तेलों का कुल आयात 13 प्रतिशत बढ़कर 13 लाख टन से ऊपर पहुंच गया।
ध्यान देने की बात है कि भारत में मुख्यत: इंडोनेशिया, मलेशिया एवं थाईलैंड से पाम तेल, अर्जेन्टीना एवं ब्राजील से सोयाबीन तेल तथा रूस, यूक्रेन एवं अर्जेन्टीना से सूरजमुखी तेल का आयात किया जाता है।
फरवरी-मार्च में पाम तेल का भाव ऊंचा रहने से इसके आयात में काफी कमी आ गई थी और खासकर सूरजमुखी तेल का आयात बहुत बढ़ गया था मगर अप्रैल में इसका आंकड़ा बदल गया। पाम तेल के संवर्ग में मुख्यत: सीपीओ तथा आरबीडी पामोलीन शामिल है।