iGrain India - नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव का परिणाम घोषित होने तथा केन्द्र में नई सरकार के सत्ता संभालने के बाद खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की घोषणा हो सकती है।
परम्परागत परिपाटी के अनुसार इस बार भी धान, तुवर, उड़द, एवं, सोयाबीन, मूंगफली, मक्का, ज्वार, बाजरा एवं कपास सहित अन्य खरीफ फसलों के एमएसपी में अच्छी बढ़ोत्तरी की उम्मीद की जा रही है जबकि पहले से ही इसका स्तर काफी ऊंचा है।
सभी कृषि जिंसों का बाजार भाव भी सरकारी समर्थन मूल्य से ऊपर चल रहा है और सरकार खाद्य महंगाई को नियंत्रित करने के लिए तरह-तरह से कदम उठा रही है। अगले महीने से खरीफ फसलों की बिजाई भी औपचारिक तौर पर शुरू हो जाएगी और चुनाव प्रक्रिया भी समाप्त हो चुकी होगी।
मौसम विभाग ने चालू वर्ष के दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून के सीजन में सामान्य औसत से अधिक बारिश होने तथा देश में मानसून के सही समय पर पहुंचने का अनुमान व्यक्त किया है जिससे किसानों को खरीफ फसलों की बिजाई में सहायता मिलेगी। मौसम विभाग के मुताबिक 18-19 मई तक मानसून दक्षिणी अंडमान सागर एवं बंगाल की खाड़ी में पहुंच सकता है।
उसके बाद वह श्रीलंका जाएगा और फिर केरल के तट पर आएगा। इस आवागमन में उसे 8-10 दिन का समय लग सकता है। मालद्वीप में मानसून आ चुका है और उम्मीद की जा रही है कि अगले सप्ताह यह श्रीलंका में सक्रिय हो जाएगा।
यदि वायु प्रवाह की दिशा में बदलाव नहीं हुआ तो बहुत संभव है कि जून के प्रथम सप्ताह में और खासकर आरंभिक दिनों में (1-2 जून को) मानसून कालीकट तट पर पहुंच जाएगा।
इस बार खासकर अगस्त में भारी वर्षा होने की उम्मीद व्यक्त की जा रही है जबकि पिछले साल अगस्त के दौरान देश के विभिन्न भागों में भयंकर सूखे का माहौल बना हुआ था। जुलाई-अगस्त के दौरान देश में सबसे अधिक वर्षा तथा खरीफ फसलों की सबसे ज्यादा बिजाई होती है।