iGrain India - नई दिल्ली । विभिन्न जिंसों का घरेलू बाजार भाव ऊंचा होने से इस बार किसानों ने ग्रीष्मकालीन या जायद फसलों की खेती में अच्छी दिलचस्पी दिखाई जिससे राष्ट्रीय स्तर पर इसका बिजाई क्षेत्र पिछले साल के 69.70 लाख हेक्टेयर से उछलकर 75.90 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
बिजाई की प्रक्रिया लगभग समाप्त हो चुकी है जबकि अगैती बिजाई वाली फसल की कटाई-तैयारी आरंभ हो गई है। गत वर्ष की तुलना में इस बार धान, मूंग, उड़द, तिल, मूंगफली, सूरजमुखी बाजरा एवं मक्का आदि फसलों के उत्पादन क्षेत्र में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई है।
एक शीर्ष व्यापारिक संस्था के अनुसार मध्य प्रदेश एवं गुजरात में उड़द की नई फसल की कटाई-तैयारी आरंभ हो गई है और जल्दी ही इसकी आपूर्ति की रफ्तार तेज होने की उम्मीद है।
रबी फसलों की कटाई एवं खरीफ फसलों की बिजाई के बीच जायद फसलों की खेती होती है। इसकी शुरूआती फरवरी से होती है और मध्य मई तक जारी रहती है।
उड़द कर मूंग के नए माल की आपूर्ति होने लगी है। कहीं-कहीं मूंगफली एवं तिल की फसल भी कटने लगी है जबकि मक्का एवं बाजरा की कटाई शुरू होने में ज्यादा देर नहीं है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की तुलना में चालू वर्षा के दौरान ग्रीष्मकालीन धान का उत्पादन क्षेत्र 27.90 लाख हेक्टेयर से उछलकर 30.50 लाख हेक्टेयर, दलहनों का बिजाई क्षेत्र 20.25 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 22.40 लाख हेक्टेयर,
मोटे अनाजों का रकबा 11.65 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 12.65 लाख हेक्टेयर तथा तिलहन फसलों का क्षेत्रफल 9.90 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 10.30 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
अनेक प्रमुख उत्पादक राज्यों में हाल की बारिश से पिछैती बिजाई वाली फसलों को फायदा होने की उम्मीद है। इससे उत्पादन में कुछ सुधार आ सकता है।