iGrain India - मुम्बई । भारत की दो अग्रणी मसाला व्यापार कंपनियों ने कहा है कि उनका ब्रांडेड मसाला उत्पाद मानवीय स्वास्थ्य के लिए पूरी तरह सुरक्षित है और इससे किसी को कोई खतरा नहीं है।
उल्लेखनीय है कि इन दोनों कंपनियों के दो चीन मसालों की बिक्री पर सिंगापुर एवं हांगकांग में यह कहते हुए रोक लगा दी गई कि इसमें एथीलीन ऑक्साइड का अंश मान्य या स्वीकृत से ज्यादा पाया गया और इसके उपयोग से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
इसके बाद अमरीका के खाद्य एवं औषधीय प्रशासन तथा ऑस्ट्रेलिया के खाद्य नियामक प्राधिकरण ने भारतीय मसालों तथा मसाला उत्पादों की क्वालिटी की जांच-पड़ताल दिया। इधर भारत में मामला पेचीदा हो गया।
कुछ प्रचार माध्यमों में इस तरह की रिपोर्ट छपी कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा खाद्य उत्पादों में कीटनाशी अवशेष की उच्चतम स्वीकृत सीमा में 10 गुणा तक रियायत दी गई है।
प्राधिकरण ने इसे बिल्कुल बकवास, निराधार एवं छवि खराब करने वाली खबर बताते हुए कहा है कि भारत में मसालों एवं खाद्य पदार्थों की क्वालिटी के बारे में सर्वाधिक सख्त या कठिन नियम-शर्तों लागू हैं।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय मसालों की साख- प्रतिष्ठा एवं विश्वसनीयता को चोट पहुंचाने के लिए विदेशी मीडिया भ्रामक एवं गलत खराब फैला रहा है।
भारत दुनिया में मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता एवं निर्यातक देश बना हुआ है। यह सही है कि कुछ निहित स्वार्थी तत्व नकली मसालों का निर्माण एवं कारोबार करते हैं मगर जिन कंपनियों का उत्पाद राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बिकता है
उसकी क्वालिटी उच्च स्तर की होती है और उसमें कोर्न मिलावट नहीं रहती है। स्थानीय स्तर पर बिकने वाला मसाला कभी-कभार मिलावटी या नकली हो सकता है।