iGrain India - मुम्बई । शीर्ष व्यापारिक संस्था- इंडिया पल्सेस एंड ग्रेन्स एसोसिएशन (इपगा) ने कहा है कि 1 से 8 मई 2024 के दौरान चेन्नई बंदरगाह पर 21,550 टन दलहनों की खेप (कार्गो) पहुंची।
देश में इसका आयात 862 कंटेनरों के माध्यम से किया गया। इपगा ने चेन्नई की एक ऐसी कम्पनी के हवाले से यह आंकड़ा जारी किया है जिसे कृषि उत्पादों और खासकर दलहनों के आयात क्लीयरेंस में विशेषज्ञता हासिल है।
इपगा की रिपोर्ट के अनुसार समीक्षाधीन अवधि (1-8 मई) के दौरान चेन्नई पोर्ट पर म्यांमार से 10,725 टन उड़द एवं 3300 टन तुवर का आयात हुआ जो दलहनों के कुल आयात 21,550 टन का आधा से अधिक रहा।
इसके के अलावा चेन्नई बंदरगाह पर अफ्रीकी देश- मोजाम्बिक से 4150 टन तुवर की खेप भी पहुंची। इस बंदरगाह पर मलावी, तंजानिया और केन्या से भी तुवर का कार्गो पहुंचा जबकि अमरीका एवं कनाडा से मसूर से मसूर का आयात हुआ।
दलहन आयात की दृष्टि से चेन्नई पोर्ट भारत का एक प्रमुख बंदरगाह है जहां खासकर म्यांमार से उड़द एवं तुवर का भारी आयात होता है।
अक्सर वहां दलहनों से लदे जहाज पहुंचते रहते हैं। अफ्रीकी देशों से भी अच्छी मात्रा में दलहन वहां मंगाया जाता है।
भारत सरकार ने सिर्फ मूंग एवं काबुली चना को छोड़कर शेष सभी प्रमुख दलहनों जैसे- तुवर, उड़द, मसूर, पीली मटर एवं देसी चना के आयात को शुल्क मुक्त कर दिया है।
मूंग के आयात पर प्रतिबंध लगा हुआ है जबकि काबुली चना के आयात पर 44 प्रतिशत का सीमा शुल्क लागू है। पीली मटर एवं देशी चना के शुल्क मुक्त आयात की समय सीमा 31 अक्टूबर 2024 तक नियत की गई है जबकि तुवर,
उड़द एवं मसूर के आयात को 31 मार्च 2025 तक शुल्क मुक्त कर दिया गया है। म्यांमार में अभी तुवर एवं उड़द का अच्छा स्टॉक बताया जा रहा है।