iGrain India - बैंकॉक । ब्राजील में भयंकर बाढ़ से धान की फसल क्षति होने के कारण चावल की मांग बढ़ गई है। मैक्सिको भी वैकल्पिक आपूर्ति की तलाश में है जबकि इंडोनेशिया की सरकारी एजेंसी- बुलॉग द्वारा चावल आयात का टेंडर जारी किया गया है।
थाई चावल की वैश्विक मांग मजबूत बनी हुई है जबकि जहां स्टॉक सीमित है। इसके फलस्वरूप चावल का भाव बढ़कर पिछले दो माह के उच्च स्तर पर पहुंच गया है।
वियतनाम में चावल की सीमित आपूर्ति हो रही है जबकि वहां से इसके निर्यात में अच्छी बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। भारत से गैर बासमती सफेद (कच्चे) चावल का निर्यात बंद होने के कारण अनेक आयातक देशों को थाईलैंड एवं वियतनाम से इसे मंगाने के लिए विवश होना पड़ रहा है। वहां पहले से ही इसका भाव काफी ऊंचे स्तर पर चल रहा है।
पिछले साल भारत की तरफ थाईलैंड में भी अल नीनो मौसम चक्र का भयंकर प्रकोप रहा था जिससे बारिश का अभाव हो गया और सरकार को किसानों से दूसरे सीजन में धान का क्षेत्रफल घटाने का आग्रह करना पड़ा था।
वियतनाम के मेकांग डेल्टा में धान की फसल काफी हद तक सामान्य रही इसलिए उसे चावल का निर्यात जारी रखने में कोई खास कठिनाई नहीं हुई।
जुलाई 2023 में भारत सरकार द्वारा कच्चे (सफेद) गैर बासमती चावल के व्यापारिक निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने से थाईलैंड और वियतनाम के निर्यातकों को मुहंमांगा वरदान मिल गया और उसने अपनी मर्जी से चावल का दाम बढ़ाना शुरू कर दिया।
पहले भारत चावल के वैश्विक बाजार मूल्य को नियंत्रित रखता था और इसलिए दक्षिण-पूर्व एशिया के इन दोनों देशों को चावल का दाम बढ़ाने का पर्याप्त अवसर नहीं मिल रहा था मगर जब भारत इस बाजार से बाहर निकल गया तब उसे मौका मिलने लगा।
इंडोनेशिया को भारी मात्रा में चावल के आयात की आवश्यकता है और इसलिए वहां खाद्यान्न खरीद एजेंसी- बुलॉग द्वारा इसके आयात के लिए नियमित रूप से टेंडर जारी किया जा रहा है।
ब्राजील तथा मैक्सिको की खरीद से थाईलैंड के निर्यातकों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है। कुछ अन्य देश भी उससे चावल की खरीद कर रहे हैं।