iGrain India - मुम्बई । तिलहन-तेल क्षेत्र की एक अग्रणी संस्था- सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) द्वार संकलित आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल 2023 की तुलना में अप्रैल 2024 के दौरान देश से ऑयल मील का निर्यात 4,93,448 टन से करीब 6 प्रतिशत घटकर 4,65,156 टन पर अटक गया।
इसके तहत सोया डीओसी का निर्यात 1,77,243 टन से बढ़कर 1,99,803 टन तथा अरंडी मील का निर्यात 29,477 टन से सुधरकर 34,287 टन पर पहुंचा मगर सरसों खल का निर्यात 2,46,568 टन से घटकर 2,30,810 टन तथा मूंगफली मील का निर्यात 681 टन से गिरकर 156 टन रह गया।
महत्वपूर्ण बात यह है कि अप्रैल 2023 में 37,479 टन राइस ब्रान एक्सट्रैक्शन का निर्यात हुआ था जबकि अप्रैल 2024 में इसका निर्यात बिल्कुल नहीं हुआ क्योंकि इस पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इससे निर्यात मात्रा में अंतर बढ़ गया।
जहां तक 2023-24 की मार्केटिंग सीजन (नवम्बर-अक्टूबर) की बात है तो पहली छमाही में यानी नवम्बर 2023 से अप्रैल 2024 के दौरान सोयामील का निर्यात तो 10.40 लाख टन से उछलकर 16.60 लाख टन पर पहुंच गया मगर सरसों खल (रेपसीड मील) के निर्यात में 23 प्रतिशत की भारी गिरावट आ गई।
डि ऑयल्ड राइस ब्रान के निर्यात पर प्रतिबंध लागू होने एवं चावल उद्योग को भारी नुकसान हो रहा है। भारत से आमतौर पर करीब 5-6 लाख टन राइस ब्रान एक्सट्रैक्शन का निर्यात वियतनाम एवं थाईलैंड सहित कुछ अन्य एशियाई देशों को होता रहा है और भारत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसका विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता देश माना जाता है।
लेकिन सरकार ने 28 जुलाई 2023 को इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर दी। पहले प्रतिबंध की अवधि 31 मार्च 2024 तक निर्यात की गई थी मगर बाद में इसे 31 जुलाई 2024 तक बढ़ा दिया गया 'सी' ने सरकार से प्रतिबंध की समय सीमा को 31 जुलाई से आगे नहीं बढ़ाने का आग्रह किया है।