iGrain India - नई दिल्ली । खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं की नीलामी बिक्री अगले महीने से शुरू होने का कयास लगाया जा रहा है लेकिन केन्द्र ने नई सरकार के गठन से पूर्व इस आशय का निर्णय लिए जाने की संभावना बहुत कम है।
पिछले साल 28 जून से गेहूं की पहली नीलामी बिक्री शुरू हुई थी जो इस वर्ष 28 फरवरी तक जारी रही।
समझा जाता है कि केन्द्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक 1 अप्रैल को घटकर अनिवार्य न्यूनतम स्तर के आसपास आ गया था और चालू रबी सीजन में इसकी खरीद भी नियत लक्ष्य से काफी पीछे रह जाने की संभावना है
इसलिए सरकार को ओएमएसएस के बारे में काफी सोच-समझकर निर्णय लेना पड़ सकता है ताकि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना सहित अन्य कार्यक्रम तथा भारत ब्रांड आटा का विपणन प्रभावित न हो सके। लेकिन मंडियों में बाजार भाव को नियंत्रित करना भी आवश्यक है।
वरिष्ठ आधिकारिक सूत्रों के अनुसार गेहूं की बिक्री शुरू करने का फ़िलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। चूंकि ओएमएसएस पर नीतिगत निर्णय 31 जुलाई तक वैध है इसलिए सही समय पर इसका फैसला किया जाएगा।
मंडियों में गेहूं का भाव काफी हद तक तक स्थिर बना हुआ है और इसकी नई फसल की आवक हो रही है। फ्लोर मिलर्स द्वारा अच्छी मात्रा में गेहूं खरीद कर उसका स्टॉक बनाया गया है।
केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय ने सैद्धांतिक रूप से भारतीय खाद्य निगम जो ओएमएसएस के तहत चावल एवं गेहूं की बिक्री की अनुमति दे रखी है मगर 1 अप्रैल से 31 जुलाई तक आमतौर पर गेहूं की बिक्री बंद रखी जाती है।
पिछले साल ऐसा नहीं हुआ था लेकिन इस जरुरत पड़ने पर पुनः गेहूं बेचने का निर्णय लिया जा सकता है।