iGrain India - नई दिल्ली । चालू सप्ताह के दौरान हल्दी की कीमतों में गिरावट रही। उल्लेखनीय है कि भाव अधिक होने के कारण इस वर्ष उत्पादक राज्यों में बिजाई बढ़ने की संभावना एवं हाजिर में कमजोर मांग के चलते वायदा एवं हाजिर बाजारों में हल्दी की कीमतें मंदी के साथ बोली गई हैं। हालांकि उत्पादक केन्द्रों पर पर्याप्त स्टॉक न होने के कारण नई फसल आने से पूर्व हल्दी की कीमतों में तेजी की संभावना बनी हुई है। आगामी दिनों में मांग बढ़ने के साथ ही कीमतों में भी अवश्य ही 10/15 रुपए प्रति किलो की तेजी आने के अनुमान लगाए जा रहे हैं।
वायदा बाजार
चालू सप्ताह के दौरान वायदा बाजार में हल्दी के भाव मंदे के साथ बोले गए सप्ताह के शुरू में अप्रैल माह का हल्दी वायदा 18418 रूपए खुला था जोकि सप्ताह के अंत में 17890.98 रूपए बंद हुआ। जून माह का वायदा भी 19926 रूपए खुलने के पश्चात सप्ताह अंत में 18400 रूपए पर बंद हुआ है। व्यापारियों का मानना है कि आगामी सप्ताह में बाजार में सुधार संभव है। और हल्दी वायदा कभी भी 20000 रूपए स्तर छू सकता है।
हाजिर बाजार
हालांकि उत्पादक केन्द्रों पर हल्दी की आवक कम रही लेकिन वायदा में गिरते भाव के कारण हाजिर बाजारों में हल्दी का व्यापार सीमित रहा। जिस कारण से चालू सप्ताह के दौरान ईरोड मंडी में हल्दी फली का भाव 168/170 रूपए से मंदे के साथ सप्ताह के अंत में 166/168 रूपए पर बोला गया। सांगली मंडी में भी राजापुरी का भाव 155/192 रूपए से घटकर 152/190 रुपए पर आ गया। नांदेड मंडी में फिंगर का भाव 152/168 रुपए सप्ताह के शुरू में खुलने के पश्चात सप्ताह के अंत में 145/165 रुपए पर बोला जा रहा था।
उत्पादन अनुमान
चालू सीजन के दौरान हल्दी का उत्पादन गत 15 वर्षों के न्यूनतम स्तर पर आ गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2020 में हल्दी की पैदावार 94/95 लाख बोरी की रहती थी। जोकि वर्ष 2021 में 85/90 लाख बोरी एवं वर्ष 2022 में 78/80 लाख बोरी की रही। 2023 में हल्दी का उत्पादन 80/85 लाख बोरी का माना गया था जबकि चालू सीजन वर्ष 2024 में उत्पादन 45/50 लाख बोरी होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। उत्पादन कम होने के कारण इस वर्ष मंडियों में आवक आशानुरूप नहीं बन पाई।
भाव गत वर्ष से अधिक
चालू सीजन के दौरान पैदावार कम होने के कारण उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर हल्दी की कीमतें गत वर्ष की तुलना में अधिक चल रही हैं। गत वर्ष मई माह के प्रथम पखवाड़े में ईरोड मंडी में हल्दी फली का भाव 70/72 रूपए चल रहा था जोकि वर्तमान भाव 166/168 रुपए बोला जा रहा है। गत वर्ष इसी समयावधि में दुग्गीराला में हल्दी का भाव 55/62 रूपए चल रहा था जोकि वर्तमान में 135/145 रूपए बोला जा रहा है। अन्य मंडियों में भी हल्दी के भाव गत वर्ष की तुलना में लगभग दोगुना से भी अधिक बोले जा रहे हैं।
मन्द तेजी
जानकार सूत्रों का कहना है कि हल्दी की कीमतों में अधिक मन्दा संभव नहीं है जल्दी ही कीमतों में सुधार संभव है। उल्लेखनीय है कि अप्रैल माह के अंत में हल्दी कीमतों में 15/20 रूपए प्रति किलो की तेजी बन गई थी और उस समय आई ग्रेन इंडिया ने अपने 20 अप्रैल के अंक में लिखा था कि जल्द ही मुनाफावसूली बिकवाली आने की संभावना है। जिस कारण से कीमतों में 5/7 रूपए प्रति किलो की गिरावट आ सकती है। इससे अधिक मंदे की संभावना नहीं है। हालांकि इस वर्ष बिजाई के क्षेत्रफल में वृद्धि होगी। नई फसल जनवरी 2025 को आएगी। तब तक के लिए पर्याप्त स्टॉक न होने के कारण आगामी दिनों में हल्दी कीमतों में 10/15 रुपए प्रति किलो की तेजी अवश्य ही आनी चाहिए।
बढ़ेगी बिजाई
चालू सीजन के दौरान उत्पादकों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलने के कारण इस वर्ष उत्पादक राज्यों में हल्दी की बिजाई अवश्य ही बढ़ेगी। सूत्रों का मानना है कि बिजाई गत वर्ष की तुलना में 30/35 प्रतिशत अधिक हो सकती है। वैसे बिजाई का सही आंकलन मानसून पर निर्भर करेगा। अगर उत्पादक केन्द्रों पर सही समय पर मानसून का आगमन हो गया है तो बिजाई में अवश्य ही वृद्धि होगी। बिजाई के पश्चात मौसम कैसा रहता है अभी से कुछ नहीं कहा जा सकता है।
निर्यात कम
भाव अधिक होने के कारण हल्दी के निर्यात में गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि फरवरी - 2024 की तुलना में मार्च 2024 में हल्दी का निर्यात बढ़ा लेकिन मार्च 2023 की तुलना में कम रहा। उल्लेखनीय है कि मार्च 2023 में हल्दी का निर्यात 18819 टन का रहा था जबकि मार्च 2024 में निर्यात 17432 टन का हुआ। फरवरी 2024 में निर्यात 12922 टन का हुआ था। चालू वित्त वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) के दौरान हल्दी का कुल निर्यात 162018 टन का रहा जबकि वर्ष 2022-23 के दौरान निर्यात 170093 टन का रहा था। वर्ष 2021-22 में निर्यात 152758 टन का हुआ था।