iGrain India - नई दिल्ली । यद्यपि प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में गेहूं की आवक घटने लगी है और सरकारी खरीद की गति धीमी पड़ गई है लेकिन फिर भी 11-17 मई वाले सप्ताह के दौरान इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न के दाम में आमतौर पर नरमी दर्ज की गई। समझा जाता है कि फ्लोर मिलर्स एवं व्यापारियों द्वारा इस बार अच्छी मात्रा में गेहूं की खरीद की गई है। 15 मई तक सरकारी खरीद 255 लाख टन पर पहुंची जो गत वर्ष की समानावधि की खरीद 259 लाख टन से 4 लाख टन पीछे तथा कुल नियत लक्ष्य 373 लाख टन से 118 लाख टन कम है। खरीद की मौजूदा स्थिति को देखते हुए लगता है कि लक्ष्य बहुत दूर रह जाएगा। अप्रैल-मई में 90 प्रतिशत गेहूं की आवक एवं खरीद होती है।
राजस्थान
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान दिल्ली में यूपी / राजस्थान के गेहूं का भाव 15 रुपए सुधरकर 2485/2490 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया लेकिन गुजरात के राजकोट में 100 रुपए घटकर 2500/3000 रुपए प्रति क्विंटल तथा मध्य प्रदेश की बेंचमार्क इंदौर मंडी में हुए रुपए 50 रुपए गिरकर 2400/2750 रुपए प्रति क्विंटल रह गया। उज्जैन में भी 50 रुपए की नरमी रही। गेहूं का दाम भोपाल में 100 रुपए तथा इटारसी में 20 रुपए कमजोर देखा गया। राजस्थान के कोटा एवं बूंदी में गेहूं का भाव 50-50 रुपए टूट गया लेकिन उत्तर प्रदेश में गेहूं के दाम में 10 से 50 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी रही।
मध्य प्रदेश
गेहूं की औसत दैनिक आवक दिल्ली में 4000-5000 बोरी दर्ज की गई। मध्य प्रदेश की मंडियों में उम्मीद के अनुरूप आवक नहीं हो रही है लेकिन राजस्थान की कोटा मंडी में 25-30 हजार बोरी गेहूं रोजाना आ रहा है। उत्तर प्रदेश की गोरखपुर मंडी में भी 10-20 हजार बोरी गेहूं की आपूर्ति हुई। महाराष्ट्र की जालना मंडी में भाव पिछले स्तर पर ही स्थिर रहा।
भाव
गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित हुआ है जबकि अधिकांश प्रमुख मंडियों में भाव इससे ऊपर चल रहा है। समझा जाता है कि आगे दाम और बढ़ने की उम्मीद से किसानों ने गेहूं का स्टॉक रोकना शुरू कर दिया है।