iGrain India - ब्रुसेल्स । यूरोपीय संघ में वर्ष 2023 के दौरान भारत और पाकिस्तान- दोनों देशों से आयातित बासमती चावल में कीटनाशकों के ऊंचे अवशेष के लिए अलर्ट जारी किया गया था।
अलर्ट तो चालू वर्ष (2024) में भी जारी हुआ है मगर इस बार भारत के बजाए पाकिस्तान के चावल के लिए इसकी संख्या ज्यादा देखी जा रही है।
एक खास बात यह है कि चालू वर्ष के दौरान पाकिस्तानी चावल में माइकोटोक्सिन उस समय उत्पन्न होता है जब 'मोल' या फंगस से फसल संक्रमित होती है। इस माइकोटॉक्सिन को उपयोग कर्ताओं के लिए घातक माना जाता है। पाकिस्तान के चावल में इसकी मौजूदगी ज्यादा रहती है।
यूरोपीय देश- लक्जेमबर्ग स्थित यूरोकिन्स प्रयोगशाला दुनियाभर में खाद्य पदार्थों एवं अन्य वस्तुओं के लिए प्रयोगशाला परीक्षण की सुविधा एवं सेवा उपलब्ध करवाती है।
इस प्रयोगशाला के आंकड़ों से पता चलता है कि कीटनाशी अवशेष के लिए यूरोप में क्रूड एवं फीड उत्पादों के वास्ते रेपिड अलर्ट सिस्टम के अंतर्गत वर्ष 2022 में कुल 31 अलर्ट जारी हुए थे जबकि वर्ष 2023 में इसकी संख्या बढ़कर 46 पर पहुंच गई।
इससे पूर्व वर्ष 2021 में केवल 11 अलर्ट जारी हुए थे। ये सभी अलर्ट भारतीय उत्पादों के लिए थे। चालू वर्ष में 5 मई तक कुल 15 अलर्ट जारी हुए।
माइकोटॉक्सिन के मामले में भारत से आयातित खेपों के लिए दो अलर्ट जारी हो गए जबकि वर्ष 2023 की पूरी अवधि में 2 अलर्ट घोषित हुए थे।
इससे पूर्व वर्ष 2022 में इसकी संख्या 10 तथा 2021 में शून्य रही थी। वहां तक पाकिस्तान का सवाल है तो उसके उत्पादों के लिए इस वर्ष 26 अलर्ट घोषित हो चुके हैं
जबकि इसकी संख्या 2025 में 44, 2022 में 9 तथा 2021 में 6 रही थी। माइकोटॉक्सिन के लिए वर्ष 2023 में 10 अलर्ट जारी हुए थे मगर इस वर्ष 2 अलर्ट घोषित हुए हैं।