iGrain India - पेरिस । यूरोपीय संघ में भारत और पाकिस्तान से आयातित बासमती चावल में कीटनाशकों के अवशेष और खासकर माइकोटॉक्सिन की उपस्थिति के मामले में बार-बार अलर्ट जारी किया जाता है।
पिछले साल भारतीय चावल के लिए ज्यादा अलर्ट घोषित हुआ था जबकि इस वर्ष पाकिस्तानी चावल के लिए अवधि अलर्ट जारी हो रहा है।
लक्जेमबर्ग की एक प्रयोगशाला में चावल की जांच- पड़ताल होती है और उसकी रिपोर्ट के आधार पर अलर्ट घोषित होता है। कीटनाशी अवशेष के लिए यूरोप में खास पदार्थ एवं पशु आहार हेतु रैपिड अलर्ट सिस्टम के अंतर्गत भारतीय उत्पाद के मामले में अलर्ट की कुल संख्या बढ़कर 46 पर पहुंच गई जो वर्ष 2023 के लिए थी। इसके मुकाबले वर्ष 2022 में 31 एवं 2021 में 11 अलर्ट जारी हुए थे।
चालू वर्ष में 5 मई तक भारत के लिए कुल 15 अलर्ट जारी हुए जिसमें माइकोटॉक्सिन के दो अलर्ट भी शामिल हैं। पिछले साल की पूरी अवधि में 2 अलर्ट घोषित हुए थे जबकि इसकी संख्या वर्ष 2022 में 10 रही थी। 2021 में कोई अलर्ट जारी नहीं हुआ था।
जहां तक पाकिस्तान का सवाल है तो इस वर्ष उसके चावल के लिए अब तक 26 अलर्ट घोषित हो चुके हैं जबकि वर्ष 2023 में 44, वर्ष 2022 में 9 एवं वर्ष 2021 में 6 अलर्ट जारी हुए थे।
माइकोटॉक्सिन के मामले में पाकिस्तानी बासमती चावल के लिए वर्ष 2023 में 10 अलर्ट जारी हुए थे और वर्ष 2022 में इसकी संख्या 42 रही थी। चालू वर्ष (2024) के दौरान अब तक माइकोटॉक्सिन के दो अलर्ट घोषित हो चुके हैं।
वर्ष 2022 एवं 2023 में बासमती चावल में उच्चतम अवशेष सीमा से ज्यादा कीटनाशी अवशेष पाए गए थे जिससे बार-बार अलर्ट की घोषणा करनी पड़ी थी।
माइकोटॉक्सिन की उपस्थिति का मामला भारत की अपेक्षा पाकिस्तानी, बासमती चावल के लिए ज्यादा देखा जा रहा है। दोनों देशों को इस पर गंभीरतापूर्वक विचार करना होगा। क्योंकि यूरोपीय संघ बासमती चावल का एक महत्वपूर्ण खरीदार है।