iGrain India - नई दिल्ली । देश के तीनों शीर्ष गन्ना उत्पादक राज्यों- उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में इस बार मानसून की अच्छी वर्षा होने से फसल को काफी फायदा हो रहा है।
इसके अलावा गुजरात, तमिलनाडु, बिहार, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड एवं मध्य प्रदेश जैसे अन्य महत्वपूर्ण उत्पादक राज्यों में भी मानसून की बेहतर बारिश होने के संकेत मिल रहे हैं।
गन्ना का क्षेत्रफल इस बार गत वर्ष से आगे चल रहा है और मौसम तथा मानसून की स्थिति अनुकूल रहने पर इसकी औसत उपज दर तथा चीनी दी औसत रिकवरी दर में सुधार आने के आसार हैं।
वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए लगता है कि 2024-25 के मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान चीनी के घरेलू उत्पादन में बढ़ोत्तरी हो सकती है।
चूंकि अगले मार्केटिंग सीजन में चीनी का पिछला बकाया स्टॉक काफी ऊंचा रहने की संभावना है इसलिए यदि सीजन के दौरान के उत्पादन बेहतर होने का संकेत मिला तो सरकार चीनी के निर्यात की अनुमति देने पर गंभीरतापूर्वक विचार कर सकती है।
गन्ना का बिजाई क्षेत्र जून में ही 56.88 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया था जो गत वर्ष के उत्पादन क्षेत्र 55.45 लाख हेक्टेयर से 1.43 लाख हेक्टेयर ज्यादा था।
इस बार गन्ना की खेती में किसानों द्वारा अच्छी दिलचस्पी दिखाई जा रही है। पिछले साल अगस्त में भयंकर सूखा पड़ने से महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में गन्ना की पैदावार कम हुई थी और उत्तर प्रदेश में भी इस पर असर पड़ा था।
इस्मा ने 2023-24 सीजन के दौरान 320 लाख टन चीनी के घरेलू उत्पादन का अनुमान लगाया है। कुछ समीक्षक मानते हैं कि अगले मार्केटिंग सीजन सीजन में सरकार एथनॉल निर्माण में गन्ना (चीनी) की अधिक मात्रा के उपयोग की अनुमति दे सकती है इसलिए चीनी के निर्यात पर कम ध्यान दिया जा सकता है।