iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय गैर बासमती सेला चावल पर निर्यात शुल्क के ढांचे में उपयुक्त बदलाव करने हेतु मंडियों की समिति द्वारा निर्णय लिए जाने का इंतजार कर रहा है और साथ ही साथ यह बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य (मेप) के कटौती करने की मांग पर भी दिशा निर्देश चाहता है।
दरअसल बासमती चावल का निर्यात प्रदर्शन पिछले वित्त वर्ष के दौरान अत्यन्त शानदार रहा और चालू वित्त वर्ष के शुरूआती दो महीनों में भी इसके शिपमेंट में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई मगर बासमती चावल का निर्यात कमजोर पड़ गया है।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार बासमती चावल का फ्री ऑन बोर्ड औसत इकाई निर्यात ऑफर मूल्य अप्रैल 2024 में 1070 डॉलर प्रति टन पर जो मई में कुछ और बढ़कर 1080 डॉलर प्रति टन हो गया।
दूसरी ओर गैर बसंती सेला चावल का औसत निर्यात मूल्य अप्रैल के 476 डॉलर प्रति टन से कुछ गिरकर मई 2024 में 474 डॉलर प्रति टन रह गया।
चालू वित्त वर्ष के आरंभिक दो महीनों में यानी अप्रैल-मई 2024 के दौरान भारत से बसमती चावल का निर्यात बढ़कर 9.70 लाख टन पर पहुंच गया जो पिछले साल की समान अवधि के शिपमेंट 8.30 लाख टन से 17 प्रतिशत या 1.40 लाख टन ज्यादा है।
इसके विपरीत इसी समयावधि में गैर बासमती चावल का निर्यात 28.50 लाख टन से 32 प्रतिशत घटकर 19.40 लाख टन पर अटक गया।
इसका कारण यह है कि पिछले साल अप्रैल-मई में सफेद (कच्चे) गैर बासमती चावल का निर्यात भी हुआ था जो जून तक जारी रहा था मगर जुलाई 2023 से इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया जो अब तक बरकरार है। वैसे सरकारी स्तर पर गैर बासमती सफेद चावल का थोड़ा बहुत निर्यात हो रहा है।