iGrain India - मंगलोर (भारती एग्री एप्प)। भारत के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में कच्चे काजू के उत्पादन में भारी गिरावट आने के संकेत मिल रहे हैं जबकि वियतनाम तथा अफ्रीकी देशों में भी उत्पादन करीब 25 प्रतिशत घटने की संभावना है जिससे आगामी त्यौहारी सीजन के दौरान प्रसंस्कृत काजू के दाम में अच्छी तेजी आ सकती है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी कच्चे एवं प्रसंस्कृत काउ के मूल्य में भारी तेजी देखी जा रही है। भारत में प्रसंस्कृत काजू का भाव बढ़कर 4 डॉलर प्रति पौंड तथा कच्चे काजू का मूल्य बढ़कर 1900-2000 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गया है जबकि अप्रैल-मई में इसका दाम 1200-1300 डॉलर प्रति टन चल रहा था।
इसका आयात खर्च भी काफी ऊंचा बैठ रहा है। भारत में आमतौर पर जुलाई के अंत से काजू में त्यौहारी मांग निकलनी शुरू हो जाती है। देश में काजू की खपत में प्रति वर्ष 7 प्रतिशत की दर से बढ़ोत्तरी हो रही है और भारत इसका सबसे बड़ा बाजार बना हुआ है।
इंटरनेशनल नट एंड ड्राइड फ्रूट कौंसिल (आईएनसी) भारत में नट्स एवं ड्राई फ्रूट्स को लोकप्रिय बनाने के लिए 2 लाख यूरो के वार्षिक खर्च से प्रोमोशनल प्रोग्राम चला रहा है। भारत में काजू का बाजार वर्ष 2024 में 2.40 अरब डॉलर पर तथा वर्ष 2029 तक बढ़कर 2.90 अरब डॉलर पर पहुंच जाने का अनुमान है।
भारत दुनिया में काजू का दूसरा सबसे प्रमुख उत्पादक देश है। यहां से अच्छी मात्रा में काजू का निर्यात भी होता है। एक अग्रणी विश्लेषक के अनुसार अगले कुछ महीनों तक काजू के दाम में तेजी मजबूती का माहौल बरकरार रहने की उम्मीद है और मार्च 2025 में जब नया सीजन आरंभ होगा तभी कीमतों में कुछ नरमी आने की संभावना बनेगी। कौंसिल में कच्चे काजू के वैश्विक उत्पादन में चालू सीजन के दौरान 7 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान लगाया है।