iGrain India - रोम । संयुक्त राष्ट्र संघ की अधीनस्थ एजेंसी-खाद्य एवं कृषि संगठन (फाओ) तथा एक अन्य संस्था- ओ ई सी डी की एक संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर दाल-दलहनों की मांग एवं खपत में आगे भी बढ़ोत्तरी का सिलसिला जारी रहेगा क्योंकि दुनिया के अनेक भागों में लोगों के भोजन में मटर, बीन्स, मसूर एवं चना आदि का महत्व एवं उपयोग पुनः बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं।
रिपोर्ट में वर्ष 2023 तक वैश्विक औसत सालाना प्रति व्यक्ति खाद्य उपयोग में 8.6 किलो की बढ़ोत्तरी होने की संभावना व्यक्त की गई है।
ओ ई सीड तथा फाओ ने आगामी दशक के दौरान दुनिया के सभी भागों में प्रति व्यक्ति खाद्य खपत बढ़ने का अनुमान लगाते हुए कहा है कि सबसे ज्यादा बढ़ोत्तरी यूरोप में हो सकती है।
वहां प्रति वर्ष दालों की खपत में औसतन 3 प्रतिशत का इजाफा हो सकता है। इसी तरह वैश्विक आपूर्ति में 250 लाख टन की बढ़ोत्तरी का अनुमान लगाया गया है।
इस बढ़ोत्तरी में लगभग 40 प्रतिशत योगदान एशिया और खासकर भारत का रहेगा जो दुनिया का सबसे प्रमुख उत्पादक देश है।
भारत में चना, तुवर, उड़द एवं मूंग का उत्पादन संसार में सबसे अधिक होता है जबकि मसूर और मटर का उत्पादन भी बड़े पैमाने पर किया जाता है। लेकिन घरेलू मांग एवं खपत अधिक होने के कारण विदेशों से दलहनों के भारी आयात की आवश्यकता बनी रहती है।
केन्द्र सरकार ने वर्ष 2027 तक देश को दाल-दलहन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है और यदि यह हासिल हो गया तो बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। दालों में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। दुनिया के विकसित देशों में इसकी खपत बढ़ रही है और आने वाले वर्षों में इसका उपयोग निरंतर बढ़ते जाने की उम्मीद है।