iGrain India - यंगून । भारत के पूर्वोत्तर पड़ोसी देश- म्यांमार से नियमित रूप से अच्छी मात्रा में दलहनों का निर्यात हो रहा है और भारत सहित कई अन्य देश इसकी खरीद में भारी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। म्यांमार के वाणिज्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार 1 अप्रैल से 28 जून 2024 का निर्यात हुआ।
इसके तहत करीब 6.38 लाख टन दलहनों का शिपमेंट समुरि मार्ग से किया गया जिससे 55.05 करोड़ डॉलर से कुछ अधिक आमदनी प्राप्त हुई। इसके अलावा सीमा सड़क मार्ग से लगभग 24 हजार टन दलहन दूसरे देशों में भेजा गया जिसका मूल्य करीब 2 करोड़ डॉलर रहा। सीमा मार्ग से मुख्यत:चीन एवं थाईलैंड को दलहन भेजा जाता है।
वाणिज्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष की सम्पूर्ण अवधि में यानी 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 के दौरान म्यांमार से समुद्री मार्ग के जरिए 16.02 लाख टन से अधिक दलहनों का शिपमेंट किया गया था जिससे 134.2628 करोड़ डॉलर की शानदार आमदनी प्राप्त हुई थी।
इसी तरह सीमा सड़क मार्ग से 1.57 लाख टन से ज्यादा दलहनों का निर्यात किया गया जिससे 14.14 करोड़ डॉलर की आय हासिल हुई थी।
म्यांमार से मुख्यत: उड़द, मूंग एवं अरहर जैसे दलहनों का निर्यात होता है। इसमें से उड़द एवं अरहर (तुवर) की अधिकांश मात्रा का निर्यात भारत को किया जाता है जबकि मूंग का निर्यात चीन एवं कुछ यूरोपीय देशों में होता है। ध्यान देने की बात है कि भारत में फरवरी 2022 से ही मूंग के आयात पर प्रतिबंध लगा हुआ है।
18 जून 2021 को भारत और म्यांमार के बीच सरकारी स्तर पर अपनी सहमति के एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे जिसमें सरकार से सरकार स्तर की स्कीम के अंतर्गत उड़द एवं तुवर के कारोबार में पारस्परिक सहयोग करने पर जोर दिया गया था।
इस समझौते के अंतर्गत भारत को म्यांमार के प्राइवेट क्षेत्र से 2.50 लाख टन उड़द एवं 1.00 लाख टन तुवर का वर्षिक आयात करना है।
यह संधि पांच वर्षों के लिए हुई थी जिसकी अवधि 2021-22 से शुरू होकर 2025-26 तक जारी रहेगी। पहले म्यांमार में दलहनों का कम उत्पादन होता था मगर भारत जैसा विशाल एवं स्थायी बाजार मिलने के बाद वहां उत्पादन तेजी से बढ़ने लगा है।