iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा है कि सरकार किसानों से तुवर, उड़द एवं मसूर का 100 प्रतिशत विपणन योग्य स्टॉक खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है जिसका भारत में विदेशों से विशाल मात्रा में आयात किया जाता है। जिन प्रांतों में इन दलहनों का उत्पादन होता है वहां इसकी पूरी खरीद की जाएगी।
खरीफ फसलों की बिजाई में हुई प्रगति की समीक्षा करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि दलहनों के उत्पादन क्षेत्र में 50 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोत्तरी हुई है और खासकर तुवर तथा उड़द का रकबा तेजी से बढ़ा है। कृषि मंत्री के अनुसार दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करना देश की प्राथमिकताओं में शामिल हैं।
वर्तमान समय में सरकारी एजेंसियों को इन तीनों दलहनों की खरीद में कोई खास सफलता नहीं मिल रही है क्योंकि इसका थोक मंडी भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से ऊंचा चल रहा है। घरेलू प्रभाग में दाल-दलहनों की मांग एवं खपत तेजी से बढ़ती जा रही है जबकि उसके अनुरूप उत्पादन में बढ़ोत्तरी नहीं हो रही है।
पिछले साल मानसून की वर्षा कम होने तथा इसका वितरण असमान रहने से दलहन फसलों का उत्पादन घट गया था। इससे घरेलू बाजार भव तथा विदेशों से सयात काफी बढ़ गया। घरेलू प्रभाग में आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों में तेजी पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से सरकार ने चरणबद्ध रूप से पांच प्रमुख दलहनों अरहर (तुवर), उड़द, मसूर, देसी चना तथा मटर के आयात को शुल्क मुक्त एवं नियंत्रण मुक्त कर दिया।
मोटे अनुमान के अनुसार दलहनों की औसत वार्षिक घरेलू खपत 300 लाख टन के करीब पहुंच गई है जिसका 15 प्रतिशत भाग विदेशों से आयात के जरिए पूरा किया जाता है।
चालू खरीफ सीजन के दौरान महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में दक्षिण-पश्चिम मानसून की अच्छी बारिश होने से दलहन फसलों का उत्पादन क्षेत्र 5 जुलाई तक बढ़कर 36.80 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया
जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 23.70 लाख हेक्टेयर से 13.10 लाख हेक्टेयर या 55 प्रतिशत अधिक है। तुवर का उत्पादन क्षेत्र पांच गुणा बढ़कर 20.80 लाख हेक्टेयर तथा उड़द का बिजाई क्षेत्र 46 प्रतिशत बढ़कर 5.37 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। दलहनों की बिजाई अभी जारी है।