iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने अब काबुली चना को भंडारण सीमा (स्टॉक लिमिट) के दायरे से बाहर कर दिया है। इसके लिए सरकार को राजी करवाने तथा महत्वपूर्ण तथ्यों की जानकारी देने में दिल्ली ग्रेन मर्चेंट्स एसोसिएशन (डीजीएमए) का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
एसोसिएशन द्वारा किए गए भरसक प्रयासों से सरकार ने 11 जुलाई 2024 को एक सर्कुलर जारी करके काबुली चना पर लगी स्टॉक लिमिट को हटा दिया। वैसे तुवर एवं देसी चना पर भंडारण सीमा पहले की तरह लागू रहेगी। भंडारण सीमा की अवधि 30 सितम्बर 2024 तक नियत की गई है।
हालांकि काबुली चना पर लगी भडारण सीमा को हटाने के लिए इंडिया पल्सेस एन्ड ग्रेन्स एसोसिएशन (इपगा) तथा कुछ अन्य संगठनों के भी सराहनीय प्रयास किए और सरकार को तरह तरह के तथ्यों की जानकारी देकर यह समझाने की कोशिश की कि काबुली चना पर भंडारण सीमा लागू करने का निर्णय व्यावहारिक नहीं है लेकिन दिल्ली ग्रेन मर्चेंट्स एसोसिएशन इस मुद्दे पर लगातार अपना प्रयास करता रहा और अंततः उसे इसमें सफलता भी मिली।
उल्लेखनीय है कि 27 जून 2024 को डीजीएमए के पदाधिकारियों ने दिल्ली दाल मिल मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष तथा नरेला फ़ूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन के महामंत्री के साथ केन्द्रीय उपभोक्ता मामले सचिव से मुलाकात करके विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की थी जिसमें काबुली चना के भंडारण सीमा के दायरे से बाहर निकालने का मामला भी शामिल था।
इसके अलावा देसी चना के लिए स्टॉक सीमा बढ़ाकर 500 टन निर्धारित करने की मांग भी की गई थी। उस समय उपभोक्ता मामले सचिव ने प्रतिनिधि मंडल की बातों को काफी ध्यान से सुना था और कुछ सकरात्मक आश्वासन भी दिया था।