iGrain India - औद्योगिक मांग एवं कारोबार कमजोर रहने से चीनी का भाव नरम
नई दिल्ली (भारती एग्री एप्प)। समूचे देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून की सक्रियता बढ़ने से नियमित रूप से वर्षा का दौर जारी रहने तथा तापमान में गिरावट आने से चीनी की औद्योगिक मांग कमजोर पड़ गई है। इसी तरह कोई महत्वपूर्ण पर्व-त्यौहार तथा मांगलिक उत्सवों का सीजन नहीं होने से भी चीनी का उठाव कम हो रहा है। जुलाई माह के लिए खाद्य मंत्रालय ने 24 लाख टन चीनी का फ्री सेल (NS:SAIL) कोटा नियत कर रखा है इसलिए स्टॉकिस्ट भी मिलों से चीनी खरीदने में ज्यादा जल्दबाजी या हड़बड़ाहट नहीं दिखा रहे हैं। इसके फलस्वरूप 6-12 जुलाई वाले सप्ताह के दौरान चीनी के मिल डिलीवरी भाव तथा हाजिर बाजार मूल्य में नरमी या स्थिरता दर्ज की गई।
मिल डिलीवरी भाव
आलोच्य सप्ताह के दौरान चीनी के मिल डिलीवरी मूल्य में पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश में 55-55 रुपए प्रति क्विंटल, बिहार में 40 रुपए, पंजाब में 39 रुपए तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 35 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। गुजरात में एम ग्रेड की चीनी के दाम में करीब 70 रुपए की गिरावट आई।
हाजिर भाव
हालांकि दिल्ली में चीनी का हाजिर भाव 4140/4160 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर रहा मगर इंदौर में 20 रुपए गिरकर 3900/4000 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया। छत्तीसगढ़ के रायपुर के साथ 3700/3900 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गई। वहां चीनी का नाका पोर्ट डिलीवरी मूल्य भी 10 रुपए गिरकर 3650/3850 रुपए प्रति क्विंटल रह गया।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान विभिन्न ग्रेड की चीनी के टेंडर मूल्य में 40 से 82 रुपए प्रति क्विंटल तक की भारी गिरावट दर्ज की गई जबकि कर्नाटक में मिश्रित रूख देखा गया। उधर कोलकाता में चीनी का हाजिर मूल्य 20 से 50 रुपए प्रति क्विंटल नरम रहा।
स्टॉक
इस्मा के अनुसार यदि निर्यात की अनुमति नहीं दी गई तो चालू मार्केटंग सीजन के अंत में यानी 30 सितम्बर 2024 को उद्योग के पास 91 लाख टन चीनी का विशाल अधिशेष स्टॉक मौजूद रहेगा जो सामान्य आवश्यक स्टॉक 55-60 लाख टन से बहुत अधिक है।