iGrain India - कमजोर निर्यात मांग एवं अधिक स्टॉक से लालमिर्च में मंदा
नई दिल्ली । विगत कुछ समय से लालमिर्च की कीमतों में मंदे का दौर बना हुआ है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए अभी कीमतों में तेजी की संभावना भी नहीं है। सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में निर्यात मांग का अभाव बना हुआ है। साथ ही उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर स्टॉक भी गत वर्ष की तुलना में अधिक जमा है। जिस कारण से स्टॉकिस्ट स्टॉक हल्का करने के लिए भाव घटाकर बराबर बिकवाली कर रहे हैं। बाजार सूत्रों का मानना है कि अगर आगामी दिनों में निर्यात मांग नहीं बढ़ती है तो कीमतों में 5/10 रुपए प्रति किलो की गिरावट और आ सकती है। निर्यात मांग बढ़ने पर 10/15 रुपये प्रति किलो की तेजी बन सकती है।
कीमतों में गिरावट
गत सप्ताह लालमिर्च की कीमतों में गिरावट रही। उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर कोल्ड के मालों की आवक अच्छी हो रही है। गुंटूर मंडी में आवक औसतन 60/75 बोरी दैनिक की चल रही है। वर्तमान में चीन की मांग नहीं है जबकि बांग्लादेश एवं मलेशिया की लिवाली भी काफी कम चल रही है। जिस कारण से गुंटूर मंडी में लालमिर्च तेजा का भाव घटकर 180 रुपए प्रति किलो पर आ गया है जोकि सप्ताह के शुरू में 185 रुपए प्रति किलो बोला जा रहा था। चालू माह के शुरू में भाव 195 रुपए बोला जा रहा था। चालू सप्ताह के दौरान खम्मम एवं वारंगल मंडी में भी लालमिर्च तेजा के भाव 2/3 रुपए प्रति किलो नरमी के साथ बोले गए।
भाव गत वर्ष से कम
वर्तमान में लालमिर्च के भाव गत वर्ष की तुलना में काफी कम चल रहे हैं। वर्तमान में उत्पादक केन्द्रों की मंडियों में लालमिर्च तेजा का भाव 180/192 रुपए प्रति किलो चल रहा है। जबकि गत वर्ष इसी समयावधि में गुंटूर, खम्मम मंडी में तेजा का भाव 240/250 रुपए प्रति किलो बोला जा रहा था। कमजोर मांग को देखते हुए अभी कीमतों में अधिक तेजी की संभावना भी नहीं है।
स्टॉक अधिक
चालू सीजन के दौरान देश में अधिक पैदावार के चलते उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर लालमिर्च का स्टॉक गत वर्ष की तुलना में अधिक हुआ था। साथ ही निर्यात भी आशानुरूप न होने से स्टॉक गत वर्ष की तुलना में अधिक जमा है। प्राप्त जानकारों के अनुसार वर्तमान गुंटूर मंडी में लालमिर्च का स्टॉक 60/65 लाख बोरी होने के समाचार हैं जबकि गत वर्ष इसी समयावधि में स्टॉक 45/50 लाख बोरी का था। तेलंगाना (वारंगल, खम्मम) में वर्तमान में लालमिर्च का स्टॉक 38/40 लाख बोरी (प्रत्येक बोरी 45 किलो) का स्टॉक है जबकि गत वर्ष स्टॉक 20/25 लाख बोरी का था।
बिजाई घटेगी
लालमिर्च के भाव गत वर्ष की तुलना में कम होने के कारण इस वर्ष उत्पादक केन्द्रों पर लालमिर्च की बिजाई गत वर्ष की तुलना में कम रहने के समाचार है। व्यापारिक सूत्रों का मानना है कि मध्य प्रदेश में लालमिर्च की बिजाई गत वर्ष की तुलना में 20/25 प्रतिशत कम मानी जा रही है। मध्य प्रदेश में लालमिर्च की बिजाई का कार्य पूरा हो चुका है। जबकि आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में लालमिर्च की बिजाई चालू माह के अंत तक शुरू हो जाने के समाचार हैं। मगर किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य न मिलने के कारण लालमिर्च की बिजाई 25/30 प्रतिशत घटने के अनुमान लगाए जा रहे हैं।
अधिक तेजी नहीं
उत्पादक केन्द्रों पर अधिक स्टॉक के चलते लालमिर्च की कीमतों में अधिक तेजी की संभावना नहीं है। सूत्रों का मानना है कि आगामी दिनों निर्यात मांग बढ़ने पर कीमतों में 10/15 रुपए प्रति किलो की तेजी आ सकती है। इससे अधिक तेजी की संभावना नहीं है। क्योंकि स्टॉक भी पर्याप्त है इसके अलावा अक्टूबर में मध्य प्रदेश की नई फसल भी शुरू हो जाएगी।
निर्यात
चालू सीजन 2024-25 के प्रथम अप्रैल माह के दौरान लालमिर्च का निर्यात 43472.28 टन का हुआ है। जबकि अप्रैल- 23 में निर्यात 53834 टन का रहा था। वर्ष 2023-24 के लालमिर्च का कुल निर्यात 601084 टन का हुआ। जबकि वर्ष 2022-23 में निर्यात 524017 टन का किया गया। वर्ष 2020-21 के दौरान लाल मिर्च का रिकॉर्ड निर्यात 649815 टन का रहा था।