iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय उपभोक्ता मामले विभाग ने लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कॉमोडिटीज) रूल्स 2011 में संशोधन करने का प्रस्ताव रखा है।
इसके तहत खुदरा बिक्री के उद्देश्य से प्री-पैकेज्ड कॉमोडिटीज पर सभी तरह की सूचना एवं जानकारी की घोषणा करना अनिवार्य हो जाएगा। इस संशोधन से सभी निर्माताओं (मैन्युफैक्चर्स), पैकर्स एवं ओर आयातकों में स्पष्टता एवं पारदर्शिता लाने में सहायता मिलेगी।
यदि खुदरा बिक्री के लिए किसी भी मात्रा में कॉमोडिटी की पैकिंग की जाती है अथवा विदेशों से पैकिंग युक्त कॉमोडिटीज का आयत किया जाता है तो उस पर तमाम जानकारी देना कानूनन आवश्यक हो जाएगा।
लेकिन यह नियम औद्योगिक ग्राहकों अथवा संस्थागत खरीदारों के लिए बेचीं जाने वाली पैकिंग युक्त कॉमोडिटी के लिए लागू नहीं है।
उपभोक्ता मामले विभाग के प्रस्तावित लीगल मेट्रोलॉजी संशोधन पर 29 जुलाई 2024 तक विभिन्न सम्बद्ध पक्षों से सुझाव एवं विचार मांगे है।
दरअसल मार्केट के लगातार बढ़ते दायरे, जिसमें ऑन लाइन तथा ऑफ लाइन- दोनों माध्यम (प्लेटफार्म) शामिल हैं।
को ध्यान में रखते हुए उपभोक्ता मामले विभाग अब लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कॉमोडिटीज) मूल्य 2011 में संशोधन करने पर विचार कर रहा है ताकि पैकिंग वाले उत्पादों में एक रूपता लाई जा सके।
यह संशोधित प्रावधान यह सुनिश्चित करेगा कि ये नियम खुदरा रूप में सभी तरह की थैलियों में बेचे जाने वाले उत्पादों पर समान रूप से लागू होंगे और केवल औद्योगिक तथा संस्थागत खरीदारों के लिए बिक्री पर प्रभावी नहीं होंगे।
इस प्रावधान से पैकिंग युक्त उत्पादों के लिए समान मानकों / जरूरतों पर प्रभावी नहीं होंगे। इस प्रावधान से पैकिंग युक्त उत्पादों के लिए समान मानकों / जरूरतों को स्थापित करने में सहायता मिलेगी जिससे कारोबार में निरंतरता और विभिन्न ब्रांडों में उचित समानता को बढ़ावा मिलेगा।
इसमें छोटी-बड़ी सभी कंपनियों / फर्मों के ब्रांडेड उत्पादों को एक समान माना जाएगा और आम उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी क्योंकि पैकिंग पर सम्पूर्ण जानकारी के आधार पर उसे अपने पसंद के उत्पादों (ब्रांडों) का चुनाव करने में सहूलियत होगी। सुझाव के लिए 15 दिन का समय दिया गया है।