iGrain India - कोच्चि । केन्द्र सरकार की अधीनस्थ एजेंसी- नैफेड द्वारा किसानों से खरीदे गए कोपरा के स्टॉक की बिक्री किए जाने से उसके बाजार भाव में गिरावट आने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
हालांकि केरल पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा क्योंकि वहां नैफेड को केवल 102 टन ही कोपरा की खरीद करने में सफलता मिल सकी थी लेकिन तमिलनाडु के उत्पादों एवं व्यापारियों को भारी नुकसान हो सकता है।
दरअसल वर्ष 2023 में नैफेड द्वारा तमिलनाडु में करीब 39 हजार टन कोपरा खरीदा गया था जिसके स्टॉक को अब बेचने का प्रयास किया जा रहा है।
कोचीन ऑयल मर्चेंट्स एसोसिएशन (कोमा) के अनुसार वर्तमान समय में केरल में कोपरा तथा नारियल तेल का भाव स्थिर बना हुआ है।
कोपरा का दाम करीब 100 रुपए प्रति किलो एवं नारियल तेल का मूल्य 154 रुपए प्रति किलो बताया जा रहा है। वैसे इसकी दिसावरी मांग कमजोर देखी जा रही है।
लेकिन स्थानीय स्तर पर मांग अच्छी रहने से अगले कुछ सप्ताहों तक इसका भाव स्थिर रहने की उम्मीद है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कोपरा का भाव बढ़ना शुरू हो गया है।
प्रमुख उत्पादक देशों में दाम करीब 12 प्रतिशत तक बढ़ चुका है। किराया-भाड़ा ऊंचा होने से परिवहन का खर्च ज्यादा बैठ रहा है इसलिए भारत में इसका आयात आर्थिक दृष्टि से लाभप्रद साबित नहीं हो रहा है और स्वदेशी कोपरा का दाम मजबूत बना हुआ है।
इसके बावजूद भारतीय कोपरा का निर्यात ऑफर मूल्य 1250 डॉलर प्रति टन के ऊंचे स्तर पर बरकरार है जबकि दक्षिण पूर्व एशिया के देशों- इंडोनेशिया, फिलीपींस एवं थाईलैंड आदि के कोपरा का निर्यात ऑफर मूल्य 1000 डॉलर प्रति टन के करीब ही है।
इधर उत्तरी भारत में मांग घटने से कर्नाटक में बॉल कोपरा का दाम नीचे आ गया है जिससे वहां व्यापारियों को बॉल कोपरा को मिलिंग कोपरा में बदलने के लिए विवश होना पड़ रहा है। त्यौहारी सीजन में बॉल कोपरा (गोला) की मांग बढ़ने की उम्मीद है।