iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने 12 जुलाई 2024 को एक अधिसूचना जारी करके कहा था कि 25 किलो या 25 लीटर से अधिक की मात्रा वाले प्री-पैकेज्ड एवं लेबल युक्त कृषि एवं खाद्य उत्पादों की आपूर्ति को स्कीम ऑफ एक्सप्रेशन की श्रेणी में नहीं माना जाएगा।
इससे भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी। ध्यान देने वाली बात है कि 25 किलो तक की पैकिंग वाले उत्पादों पर 5 प्रतिशत दर से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पहले से लागू है जबकि इससे ऊपर की मात्रा वाली पैकिंग पर जीएसटी नहीं लगता है।
स्कोप ऑफ एक्सप्रेशन (अभिव्यक्ति की संभावना) शब्द के कारण गलतफहमी पैदा हो गई थी। अब राजस्व विभाग ने एक नया सर्कुलर जारी करके कहा है कि 12 जुलाई 2024 को जारी दो अधिसूचनाओं के जरिये केवल फ्री पैकेज्ड एवं लेबल युक्त आपूर्ति की परिभाषा में संशोधन किया गया है।
इसके तहत 25 किलो या 25 लीटर से अधिक मात्रा के कृषि / खाद्य उत्पादों के लिए प्री-पैकेज्ड या लेबल युक्त शब्द का इस्तेमाल करना आवश्यक नहीं है और इसे 25 किलो / 25 लीटर वाले उत्पादों के दायरे से बाहर रखना है। 25 किलो / 25 लीटर वाले उत्पादों पर 5 प्रतिशत का जीएसटी नहीं लगेगा
जो इससे नीचे मात्रा की पैकिगं पर लागू है। प्रचलित शंकाओं के निवारण के लिए स्पष्ट किया गया है कि पिछली अवधि के लिए मामले को "जैसा है जहां हैं" के आधार पर एतद द्वारा विनियमित किया गया है।
इसका मतलब यह हुआ कि 25 किलो / 25 लीटर वाले उत्पादों के लिए पूर्व में लागू नियम बरकरार रहेंगे और केवल इसकी परिभाषा में संशोधन किया गया है।