iGrain India - नई दिल्ली । यद्यपि पिछले साल के मुकाबले चालू खरीफ सीजन में 15 जुलाई तक राष्ट्रीय स्तर पर दलहन फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र 49.50 लाख हेक्टेयर से 12.82 लाख हेक्टेयर बढ़कर 62.52 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया लेकिन यहां यह ध्यान रखना आवश्यक है कि वर्ष 2023 में अल नीनो मौसम चक्र के भयंकर प्रकोप से मानसून काफी कमजोर रहा था और देश में दीर्घकालीन औसत के मुकाबले करीब 6 प्रतिशत कम बारिश हुई थी।
इससे दलहन फसलों की बिजाई देर से शुरू हुई और इसकी गति भी धीमी बनी रही। उससे पूर्व वर्ष 2022 तथा 2021 में मानसून की सामान्य बारिश हुई थी और दलहनों का कुल क्षेत्रफल 15 जुलाई तक क्रमश: 72.66 लाख हेक्टेयर एवं 66.69 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया था।
मौसम विभाग ने वर्ष 2024 में भी मध्य जुलाई तक मानसून की सामान्य वर्षा होने का दावा किया है इसलिए इसकी तुलना वर्ष 2023 के बजाए 2022 एवं 2021 से की जानी चाहिए ताकि बिजाई क्षेत्र में अंतर की सही तस्वीर स्पष्ट हो सके।
पहले वर्ष 2022 के मुकाबले 2024 में फसलों के क्षेत्रफल की स्थिति पर गौर करें तो पता चलता है कि दलहन फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र 72.66 लाख हेक्टेयर से 10.34 लाख हेक्टेयर घटकर 62.32 लाख हेक्टेयर रह गया।
इसके तहत 2022 की तुलना में 2024 के खरीफ सीजन में अरहर (तुवर) का उत्पादन क्षेत्र 25.81 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 28.14 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा मगर उड़द का बिजाई क्षेत्र 18.06 लाख हेक्टेयर से घटकर 13.90 लाख हेक्टेयर तथा मूंग का क्षेत्रफल 20.19 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 15.79 लाख हेक्टेयर पर अटक गया।
इसी तरह वर्ष 2021 से 2024 के खरीफ सीजन की तुलना करने पर पता चलता है कि दलहन फसलों का उत्पादन क्षेत्र 66.69 लाख से 4.37 लाख हेक्टेयर घटाकर 62.32 लाख हेक्टेयर पर अटक गया। इसके तहत अरहर (तुवर) का उत्पादन क्षेत्र 31.58 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 28.14 लाख हेक्टेयर,
उड़द का बिजाई क्षेत्र 15.67 लाख हेक्टेयर से घटकर 13.90 लाख हेक्टेयर तथा मूंग का क्षेत्रफल 15.85 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 15.79 लाख हेक्टेयर पर आ गया। दलहन फसलों की बिजाई देश एक अनेक इलाकों में जारी है।