iGrain India - नई दिल्ली । हालांकि केन्द्र सरकार खाद्य महंगाई को नियंत्रित करने के लिए तमाम एहतियाती कदम उठा रही है लेकिन धरातल पर इसका सार्थक और सकारात्मक परिणाम दिखाई नहीं पड़ रहा है।
खाद्य महंगाई में उछाल आने से थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई की दर जून 2024 में बढ़कर पिछले 16 माह के शीर्ष स्तर पर पहुंच गई।
मई में खाद्य पदार्थों में महंगाई दर 7.40 प्रतिशत थी जो जून में बढ़कर 8.68 प्रतिशत हो गई। दरअसल पिछले महीने सब्जियों के दाम में जबरदस्त उछाल आया और आलू, प्याज तथा टमाटर के साथ-साथ हरी सब्जियों के दाम आसमान पर पहुंच गए।
इसके साथ -साथ कुछ किस्तों के अनाजों एवं दाल-दलहनों की कीमतों में भी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। विभिन्न खाद्य उत्पादों का भाव अब भी काफी ऊंचे स्तर पर मौजूद है।
पिछले दिनों सरकार ने कहा था कि दाल-दलहन के थोक बाजार मूल्य में पिछले एक माह के दौरान करीब 4 प्रतिशत की गिरावट आई लेकिन खुदरा बाजार भाव इसके अनुरूप नीचे नहीं आया।
चावल, गेहूं एवं मोटे अनाज का दाम भी ऊंचे स्तर पर चल रहा है जबकि कमजोर आपूर्ति पक्ष के कारण दाल-दलहनों की कीमतों में लम्बे समय से तेजी मजबूती का माहौल बना हुआ है।
इससे आम लोगों की कठिनाई काफी बढ़ गई है। सरकारी ने गैर बासमती सफेद चावल, गेहूं तथा इसके उत्पाद, चीनी एवं प्याज आदि के व्यापारिक निर्यात पर प्रतिबंध लगा रखा है और पांच प्रमुख दलहनों- अरहर, उड़द, मसूर, देसी चना तथा पीली मटर के आयात को पूरी तरह शुल्क मुक्त कर दिया है।
इसका उद्देश्य घरेलू प्रभाग में इन उत्पादों की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाना तथा बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाना है मगर सार्थक नतीजा सामने आना अभी बाकी है।