iGrain India - कोझिकोड । प्रमुख उत्पादक राज्यों में मिलिंग कोपरा (जिससे नारियल तेल का निर्माण होता है) और बॉल कोपरा (जिससे भारी गोला बनाया जाता है) का भाव पिछले कुछ समय से ऊंचे स्तर पर मजबूत बना हुआ है लेकिन आगे इसमें कुछ बदलाव होने की संभावना है।
सरकारी एजेंसी- नैफेड ने पिछले साल तमिलनाडु में 39 हजार टन कोपरा खरीदा था और अब उसे घरेलू बाजार में उतारने का प्लान बनाया है। इससे निकट भविष्य में कोपरा के दाम पर दबाव बढ़ सकता है।
उत्पादकों एवं व्यापारियों / स्टॉकिस्टों ने नैफेड को अपने स्टॉक के कोपरा की मिलिंग करवाकर उससे नारियल तेल बनाने और फिर भारत ब्रांड नाम के तहत उसकी खुदरा बिक्री आरंभ करने का सुझाव दिया है।
यदि नैफेड ने इस सुझाव को स्वीकार कर लिया तो कोपरा की कीमतों में नरमी आने की संभावना काफी हद तक समाप्त हो जाएगी। केरल में फिलहाल कोपरा का भाव 100 रुपए प्रति किलो चल रहा है।
दिसावरी मांग कमजोर होने के बावजूद बाजार में मजबूती कायम है। उधर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कोपरा का दाम हाल के महीनों में करीब 12 प्रतिशत बढ़ा है लेकिन फिर भी भारतीय कोपरा उससे महंगा है।
प्रमुख उत्पादक देशों में का भाव 1000 डॉलर प्रति टन के आसपास है जबकि भारत में दाम 1250 डॉलर प्रति टन की ऊंचाई पर पहुंच गया है।
कर्नाटक में व्यापारी बॉल कोपरा को मिलिंग कोपरा में बदल रहे हैं जिससे गरी गोला की कमी पड़ सकता है। इसे देख देखते हुए आगामी महीनों में त्यौहारी मांग निकलने पर बॉल कोपरा का भाव कुछ मजबूत हो सकता है।