iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय जल आयोग के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि देश के 150 प्रमुख जलाशयों में कुल मिलाकर पानी का भंडार लगातार तीसरे सप्ताह बढ़ गया मगर उत्तरी राज्यों में इसमें गिरावट आ गई।
आयोग की रिपोर्ट के अनुसार कम से कम 13 राज्यों में पानी का भंडार सामान्य स्तर से कम या नीचे है। वैसे सूख गए जलाशयों की संख्या एक माह के अंदर सात से घटकर तीन रह गई।
राष्ट्रीय स्तर पर 150 प्रमुख जलाशयों में पानी की कुल भंडारण क्षमता 178.784 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) है जबकि चालू सप्ताह में उसमें 52,722 बीसीएम या 29 प्रतिशत पानी का भंडार मौजूद था जबकि पिछले सप्ताह 26 प्रतिशत ही रहा था।
इस 150 जलाशयों में से 119 में पानी का भंडार अब भी 50 प्रतिशत से नीचे है जबकि इस 119 जलाशयों में से 95 में जल का स्तर सामान्य भंडारण क्षमता के 40 से कम है।
दरअसल जून में दक्षिण-पश्चिम मानसून की बारिश सामान्य औसत से 11 प्रतिशत कम हुई थी मध्य-जुलाई तक आते-आते यह 9 प्रतिशत अधिक हो गई।
देश के विभिन्न भागों में अच्छी वर्षा होने से बांधों - जलाशयों में पानी का स्तर ऊंचा हो गया। आगे इसमें और बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है।
हालांकि दूसरे सप्ताह के दौरान मानसून की गति कुछ धीमी पड़ गई मगर जुलाई के दूसरे पखवाड़े में इसकी सघनता, तीव्रता एवं रफ्तार बढ़ने के आसार हैं।
मौसम विभाग के अनुसार चालू मानसून सीजन में 1 जून से 18 जुलाई 2024 के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर कुल वर्षा सामान्य औसत से 3 प्रतिशत कम हुई।
देश के जिन 724 जिलों से मौसम संबंधी आंकड़े एकत्रित किए जाते हैं उसमें से 39 प्रतिशत जिलों में मानसून की बारिश सामान्य औसत से कम या बहुत कम हुई है।
दक्षिणी भारत में 19 प्रतिशत अधिशेष वर्ष हुई मगर पश्चिमोत्तर भाग में 10 प्रतिशत तथा मध्यवर्ती क्षेत्र में 4 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई।
इसी तरह देश के पूर्वी एवं पूर्वोत्तर प्रान्त में सामान्य से 12 प्रतिशत कम वर्षा हुई। मौसम विभाग ने अगले दो-तीन दिनों में दक्षिणी प्रायद्वीप के पूर्वी भाग तथा पश्चिमोत्तर क्षेत्र को छोड़कर अन्य इलाकों में दूर-दूर तक अच्छी वर्षा होने की संभावना व्यक्त की है।