iGrain India - ढाका । आरक्षण क विरोध में छात्रों के उग्र एवं विशाल प्रदर्शन के कारण बांग्ला देश के साथ भारत का जलमार्ग एवं स्थल मार्ग से द्विपक्षीय व्यापार लगभग ठप्प हो गया है। 21 जुलाई को न तो भारत से कोई कार्गो ट्रक बांग्ला देश गया न ही बांग्ला देश से भारत में आया। छात्रों के विरोध को देखते हुए सीमा पर चौकसी ओर सकती बढ़ा दी गई है जिससे सामान लाने-ले जाने वाले ट्रकों का आवागमन बंद हो गया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बांग्लादेश देश का पेट्रापोल लैंड पोर्ट पूरी तरह निष्क्रिय पड़ गया और वहां कोई गतिविधि नहीं देखी गई। उल्लेखनीय है कि भारत और बांग्ला देश के बीच स्टॉक मार्ग से होने वाले कारोबार का लगभग एक तिहाई भाग पेट्रापोल लैंड पोर्ट के माध्यम से ही होता है। पेट्रोपोल के साथ-साथ अन्य स्थलीय बंदरगाह (लैंड पोर्ट) जैसे गोजाडांगा, फुलबारी तथा महादीपुर से भी ट्रकों का आना जाना बंद हो गया क्योंकि बांग्ला देश के कस्टम विभाग ने 21 एवं 22 जुलाई के लिए अवकाश घोषित कर दिया है। केवल आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही खुली रहेगी। इधर पश्चिम बंगाल के निर्यातकों को संयोजन समिति ने कहा है कि मालदा जिले में स्थिति महादीपुर लैंड पोर्ट से जो ट्रक सामान लादकर 20 जुलाई को बांग्ला देश की सीमा पर कर गए थे वे अभी तक वापस नहीं लौटे हैं मगर पूरी तरह सुरक्षित हैं। हालांकि भारत की तरफ से बांग्ला देश की सीमा खुली हुई है मगर बांग्ला देश ने इसे बंद कर दिया है। 20 जुलाई को भारत से बांग्ला देश में 48 ट्रक भेजा गया था जबकि बांग्ला देश से भारत में 110 ट्रक आया था। अभी लगभग 700 ट्रक भारतीय सीमा में तैयार खड़े हैं जिस पर सामान्य व्यापारिक वस्तुएं लदी हुई हैं। ये ट्रक बांग्ला देश जाने का इंतजार कर रहे हैं। भारत से पेट्रोपोल के जरिए रोजाना 400-450 ट्रक बांग्ला देश जाता है जबकि वहां से 150-200 ट्रक भारत में आता है।