iGrain India - नई दिल्ली । घरेलू खाद्य महंगाई को नियंत्रित करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने भारत ब्रांड नाम के तहत रियायती मूल्य पर आटा तथा चावल की खुदरा बिक्री आरंभ करने की योजना लागू की थी।
पहले इसकी समय सीमा 30 जून 2024 तक नियत की गई थी मगर अब उम्मीद के अनुरूप इसे आगे भी जारी रखने की घोषणा की गई है। लेकिन नए स्टॉक के लिए इस आटा तथा चावल के खुदरा मूल्य को संशोधित कर दिया गया है।
नए आदेश के अनुसार भारत आटा का खुदरा मूल्य 27.50 रुपए प्रति किलो से करीब 9.09 प्रतिशत बढ़ाकर 30 रुपए प्रति किलो निर्धारित किया गया है।
इसी तरह भरत ब्रांड चावल का खुदरा मूल्य 28 रुपए प्रति किलो से 17.24 प्रतिशत बढ़ाकर 34 रुपए प्रति किलो नियत किया गया है।
दूसरी ओर एजेंसियों के लिए अतिरिक्त सब्सिडी की व्यवस्था की गई है। अब भारत आटा के लिए सरकार 2.35 रुपए प्रति किलो की सब्सिडी गेहूं के निर्गत मूल्य (इश्यू प्राइस) पर प्रदान करेगी।
भारतीय खाद्य निगम के गेहूं का इश्यू प्राइस 2300 रुपए प्रति क्विंटल नियत हुआ है मगर भारत आटा के लिए इसके खरीदारों को 2065 रुपए प्रति क्विंटल का मूल्य देना होगा और 235 रुपए प्रति क्विंटल का अतिरिक्त मूल्य सरकार वहन करेगी।
इसके लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) की राशि का उपयोग किया जाएगा। जहां तक भारत चावल का सवाल है तो सरकार इसके लिए 200 रुपए प्रति क्विंटल की सब्सिडी देगी।
भारत खाद्य निगम के चावल का निर्गत मूल्य 2400 रुपए प्रति क्विंटल नियत हुआ है मगर एजेंसियों को यह 2200 रुपए प्रति क्विंटल की दर से उपलब्ध करवाया जाएगा।
लेकिन यह सब्सिडी अगली खरीद पर प्रभावी होगी। एजेंसियों के पास जो पिछला स्टॉक मौजूद है उसकी बिक्री पहले करनी होगी और उसके बाद ही नए स्टॉक की खरीद की जा सकेगी।
चावल और आटा का दाम बढ़ाया गया है जबकि एजेंसियों के लाभ में भी इससे वृद्धि हो जाएगी। आटा और चावल की बिक्री आगे जारी रहेगी।