iGrain India - रेगिना । कनाडा के सबसे प्रमुख कृषि उत्पादक प्रान्त- सस्कैचवान के विभिन्न क्षेत्रों और खासकर दक्षिणी एवं पश्चिमी भाग में 16 से 22 जुलाई 2024 वाले सप्ताह के दौरान मौसम गर्म एवं शुष्क रहने से फसलों के लिए खतरा बढ़ गया है। इससे किसान काफी चिंतित हैं। पिछले दो सप्ताहों के दौरान कुछ दिन तो अत्यन्त गर्म रहे।
फसलें अभी प्रगति के महत्वपूर्ण चरण में हैं। अगैती बिजाई वाली फसल में फूल और दाने लग रहे हैं और यदि उसे अनुकूल मौसम का सहारा नहीं मिला तो उपज दर में गिरावट आ सकती है।
उत्पादकों को जल्दी ही बारिश होने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि सस्कैचवान में गेहूं , कैनोला, मसूर एवं मटर सहित अन्य फसलन की कटाई-तैयारी का समय तेजी से नजदीक आता जा रहा है।
ऐसी खबरें आ रही हैं कि इस प्रान्त के सबसे शुष्क एवं गर्म इलाकों में दलहनों एवं अनाजों की फसलें नियत समय से पहले ही पकने लगी हैं और कटाई के लिए तैयार होती जा रही हैं।
ये फसलें प्राकृतिक रूप से नहीं बल्कि तेज गर्मी की वजह से पक रही हैं। लगातार पड़ रही भीषण गर्मी और वर्षा की कमी से खेतों की मिटटी कई क्षेत्रों में सूखने लगी है।
मिटटी में नमी का अंश सस्कैचवान प्रान्त के केवल 50 प्रतिशत भाग में पर्याप्त आंका गया है जबकि 40 प्रतिशत क्षेत्र में सामान्य से कम तथा शेष 10 प्रतिशत इलाके में बहुत कम आंका गया है।
यदि शीघ्र ही सूखा ग्रस्त इलाकों में अच्छी बारिश नहीं हुई तो पशुओं के लिए चारे का प्रबंध करना मुश्किल हो जाएगा।
पिछले सप्ताह सस्कैचवान प्रान्त के कुछ भागों में हल्की-फुल्की वर्षा हुई मगर इससे फसलों को कोई विशेष फायदा नहीं हुआ।
सबका ध्यान सस्कैचवान प्रान्त में मौसम एवं फसलों की हालत पर केन्द्रित है क्योंकि वह कनाडाई कृषि उत्पादों का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक प्रान्त है। कनाडा से भारत में मसूर एवं पीली मटर का आयात हो रहा है।