iGrain India - अकोला । दक्षिण-पश्चिम मानसून की जोरदार बारिश होने तथा खेतों में पानी भर जाने से महाराष्ट्र में चंद्रपुर, जलगांव, वर्धा, अमरावती, बुलढाणा, भंडारा, धुले वहीं तथा अकोला सहित करीब डेढ़ दर्जन में सोयाबीन, कपास, तुवर तथा धान के साथ-साथ प्याज तथा हरी सब्जियों की फसल को काफी नुकसान होने की खबर मिल रही है।
विभिन्न जिलों में फलों को हुई क्षति का आंकलन-सर्वेक्षण किया जा रहा है और इसकी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही अपनी नुकसान का पता चल सकेगा। ध्यान देने की बात है कि महाराष्ट्र में पहले ही मानसून की जोरदार बारिश हो चुकी है जबकि इसका सिलसिला अभी खत्म नहीं हुआ है।
अगले अगले महीने यानी अगस्त में भी वहां भारी वर्षा की संभावना है। पिछले साल राज्य में अगस्त का महीना शुष्क एवं गर्म रहा था जिससे खरीफ फसलों को भारी क्षति हुई थी। पुणे के थोक बाजार में अनाज, दाल एवं फलों- सब्जियों की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
वहां जुलाई माह में अब तक की तीसरी सबसे अधिक बारिश हो चुकी है। इसके फलस्वरूप उत्पादकों की मंडियों तक अपना उत्पाद लाने में काफी कठिनाई हो रही है।
आधिकारिक तौर पर जारी प्राथमिक आंकड़ों के अनुसार भारी वर्षा एवं खेतों में जल भराव के कारण महाराष्ट्र के 18 जिलों में 68,457 हेक्टेयर से अधिक भूमि में खरीफ फसलें क्षतिग्रस्त हो चुकी है जबकि आगामी समय में और भी नुकसान होने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र देश में सोयाबीन, कपास, तुवर एवं प्याज के सबसे अग्रणी उत्पादक राज्यों में शामिल है। वहां पिछले सप्ताह भी अत्यन्त मूसलाधार बारिश हुई थी।