iGrain India - मास्को । एक अग्रणी- कृषि परामर्श फर्म ने चालू वर्ष के दौरान रूस में सोयाबीन का उत्पादन बढ़कर 75 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान लगाया है जिससे क्रशिंग- प्रोसेसिंग इकाइयों को कच्चे माल की आपूर्ति बढ़ जाएगी।
पिछले साल रूस में करीब 62 लाख टन सोयाबीन की क्रशिंग हुई थी जो इस वर्ष 64 लाख टन पर पहुंच सकती है। उधर यूक्रेन के ऋषि मंत्रालय ने 2024-25 के सीजन में 50 लाख टन सोयाबीन के उत्पादन की संभावना व्यक्त की है।
शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (सीबोट) में सोयाबीन का वायदा भाव गिरकर पिछले एक माह के निचले स्तर पर आ गया जिसका प्रमुख कारण निवेशकों की मुनाफावसूली एवं अमरीका में मौसम की हालत में सुधार आना माना जा रहा है।
काला सागर क्षेत्र में रेपसीड / कैनोला के दाम में वृद्धि हो रही है। उधर पाम तेल का स्टॉक प्रमुख उत्पादक देशों में बढ़ रहा है जबकि परिवहन संबंधी चिंता घट रही है। इसके फलस्वरूप इंडोनेशिया एवं मलेशिया से शिपमेंट खर्च में कुल कमी आने की संभावना है।
इसके चलते पाम तेल तथा सूरजमुखी तेल के बीच कीमतों का अंतर बढ़ जाएगा और पाम तेल ज्यादा आकर्षक हो जाएगा। यूरोप में रूस के सूरजमुखी तेल पर भारी-भरकम सीमा शुल्क लगा दिया गया है जिससे वहां यूक्रेन के निर्यातकों को फायदा मिलेगा मगर भारत में रूस तथा रोमानिया से सूरजमुखी तेल का भारी आयात जारी रह सकता है।
यूरोपीय संघ में वनस्पति तेल का उत्पादन घटने की संभावना है जिससे वहां सोयाबीन तेल एवं सूरजमुखी तेल के साथ-साथ रेपसीड - कैनोला तेल के आयात में भी बढ़ोतरी होने के आसार हैं।
इंडोनेशिया और मलेशिया भी वहां पाम तेल का निर्यात बढ़ाने का भरसक प्रयास करेगा। कनाडा में कैनोला फसल की हालत अच्छी बताई जा रही है।
क्रूड रेपसीड तेल का बिड यूरोप के लिए 830-840 यूरो प्रति टन तथा चीन को शिपमेंट के लिए 1010 डॉलर प्रति टन चल रहा है। यूक्रेन में रेपसीड का निर्माण मूल्य 485-500 यूरो प्रति टन बताया जा रहा है।