iGrain India - अहमदाबाद । देश के पश्चिमी प्रान्त- गुजरात में दक्षिण-पश्चिम मानसून की वर्षा का असमान वितरण होने से खरीफ फसलों की बिजाई प्रभावित हो रही है। हालांकि हाल के दिनों में वहां बिजाई ने जोर पकड़ी है मगर फिर भी कुल क्षेत्रफल गत वर्ष से करीब 5 लाख हेक्टेयर पीछे चल रहा है।
राज्य कृषि विभाग द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार चालू खरीफ सीजन के दौरान अभी तक गुजरात में फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र 69.66 लाख हेक्टेयर पर ही पहुंचा है जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 74.64 लाख हेक्टेयर से 5 लाख हेक्टेयर कम तथा सामान्य औसत क्षेत्रफल 85.59 लाख हेक्टेयर का 81.4 प्रतिशत है।
पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष धान सहित अन्य अनाजी फसलों, दलहनों, कपास ग्वार के बिजाई क्षेत्र में गिरावट आई है जबकि तिलहनों का रकबा कुछ बढ़ा है।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार गत वर्ष की तुलना में चालू खरीफ सीजन के दौरान गुजरात में धान का उत्पादन क्षेत्र 7.10 लाख हेक्टेयर से घटकर 6.32 लाख हेक्टेयर तथा बाजरा का बिजाई क्षेत्र 1.81 लाख हेक्टेयर से गिरकर 1.42 लाख हेक्टेयर रह गया जबकि ज्वार का रकबा 13 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 15 हजार हेक्टेयर तथा मक्का का क्षेत्रफल 2.80 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 2.82 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा।
धान एवं मोटे अनाजों का कुल उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 11.85 लाख हेक्टेयर से घटकर इस बार 10.76 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया।
दलहन फसलों का कुल रकबा पिछले साल के 3.18 लाख हेक्टेयर से फिसलकर इस बार 3.09 लाख हेक्टेयर रह गया, इसके तहत यद्यपि अरहर (तुवर) का उत्पादन क्षेत्र 1.78 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 1.97 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा मगर मूंग का बिजाई क्षेत्र 58 हजार हेक्टेयर से घटकर 37 हजार हेक्टेयर, मोठ का रकबा 12 हजार हेक्टेयर से गिरकर 8 हजार हेक्टेयर तथा उड़द का क्षेत्रफल 70 हजार हेक्टेयर से फिसलकर 65 हजार हेक्टेयर पर आ गया।
जहां तक तिलहनों का सवाल है तो इसका कुल उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 21.81 लाख हेक्टेयर से बढ़कर इस बार 22.90 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा।
इसके तहत खासकर मूंगफली का बिजाई क्षेत्र 16.22 लाख हेक्टेयर बढ़कर 18.83 लाख हेक्टेयर एवं सोयाबीन का क्षेत्रफल 2.63 लाख हेक्टेयर से उछलकर 2.93 लाख हेक्टेयर हो गया जबकि दूसरी ओर तिल का रकबा 53 हजार हेक्टेयर से गिरकर 36 हजार हेक्टेयर तथा अरंडी का उत्पादन क्षेत्र 2.43 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर महज 78 हजार हेक्टेयर रह गया।
अन्य तिलहनों की खेती सीमित क्षेत्रफल में हुई। इसके अलावा गुजरात में कपास का उत्पादन क्षेत्र 26.65 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 23.15 लाख हेक्टेयर तथा ग्वार का बिजाई क्षेत्र 86 हजार हेक्टेयर से घटकर 42 हजार हेक्टेयर रह गया।