iGrain India - अंकारा (भारती एग्री एप्प)। अन्तर्रष्ट्रीय खाद्यान्न बाजार में पिछले सप्ताह से ही जोरदार चर्चा हो रही है कि तुर्की में गेहूं के आयात पर लगे प्रतिबंध की समय सीमा को 15 अक्टूबर 2024 से आगे बढ़ाया जा सकता है।
कुछ समीक्षकों का कहना है कि तुर्की में चालू वर्ष के अंत तक गेहूं के आयात की अनुमति दिए जाने की संभावना बहुत कम है।
कुछ अन्य विश्लेषकों को लगता है कि अगले साल के कुछ शुरूआती महीनों में भी आयात पर प्रतिबंध लागू रह सकता है। ध्यान देने की बात है कि तुर्की में गेहूं का उत्पादन पिछले अनुमान से कुछ कम होने की संभावना है।
गत 6 जून को तुर्की के कृषि मंत्रालय ने घोषणा की थी कि 21 जून से 15 अक्टूबर 2024 तक गेहूं के आयात पर प्रतिबंध लगा रहेगा ताकि स्वदेशी उत्पादकों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
विदेशों से सस्ते गेहूं का विशाल आयात जारी रहने पर घरेलू बाजार में भाव कमजोर पड़ जाएगा और किसानों को अपने उत्पाद का आकर्षक एवं लाभप्रद मूल्य हासिल करने के लिए कठिन संघर्ष करना पड़ेगा।
मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा था कि यदि आवश्यकता पड़ी तो गेहूं के आयात पर लगे प्रतिबंध की समयसीमा आगे बढ़ाई जा सकती है।
दरअसल तुर्की में दो कारणों से गेहूं का भारी आयात होता है। पहला कारण घरेलू खाद्य जरूरतों को पूरा करना है। तुर्की में गेहूं का उत्पादन घरेलू मांग एवं खपत से कम होता है इसलिए इसे रूस एवं यूक्रेन सहित कुछ अन्य देशों से इस खाद्यान्न के आयात की आवश्यकता पड़ती है।
दूसरा कारण गेहूं उत्पादों का निर्यात बढ़ाना है। रूस के फ्लोर मिलर्स निकटवर्ती एशियाई एवं अफ़्रीकी देशों को बड़े पैमाने पर गेहूं उत्पादों और खासकर आटा का निर्यात करते हैं और इसके लिए उसे रूस से सस्ता गेहूं मिल जाता है।
लेकिन इस बार कृषि मंत्रालय चाहता है कि मिलर्स एवं व्यापारी पहले से अच्छे दाम पर गेहूं की खरीद और प्रोसेसिंग करे ताकि उत्पादकों को बेहतर मूल्य प्राप्त हो सके।