iGrain India - मुम्बई । दक्षिण-पश्चिम मानसून इस बार महाराष्ट्र पर विशेष रूप से मेहरबान है जिससे राज्य के किसानों को खरीफ फसलों की बिजाई बढ़ाने में अच्छी सफलता मिल रही है।
महाराष्ट्र कृषि विभाग द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार चालू वर्ष के दौरान 29 जुलाई तक राज्य में खरीफ फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 135.45 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 123.78 लाख हेक्टेयर से 11.67 लाख हेक्टेयर ज्यादा है।
उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल के मुकाबले चालू खरीफ सीजन के दौरान महाराष्ट्र में धान का उत्पादन क्षेत्र 9.32 लाख हेक्टेयर से कुछ गिरकर 9.11 लाख हेक्टेयर रह गया लेकिन ज्वार का बिजाई क्षेत्र 99 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 1.01 लाख हेक्टेयर,
बाजरा का क्षेत्रफल 2.56 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 3.91 लाख हेक्टेयर तथा रागी का रकबा 37 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 46 हजार हेक्टेयर पर पहुंच गया। जहां तक मक्का का सवाल है तो इसका क्षेत्रफल 7.40 लाख हेक्टेयर से उछलकर 10.52 लाख हेक्टेयर हो गया।
दलहन फसलों के संवर्ग में समीक्षाधीन अवधि के दौरान महाराष्ट्र में अरहर (तुवर) का उत्पादन क्षेत्र 10.26 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 11.95 लाख हेक्टेयर,
मूंग का बिजाई क्षेत्र 1.52 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 2.26 लाख हेक्टेयर तथा उड़द का क्षेत्रफल 1.97 लाख हेक्टेयर से उछलकर 3.92 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। मालूम हो कि कर्नाटक और महाराष्ट्र देश में तुवर के दो सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त हैं।
तिलहन फसलों में सोयाबीन का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 46.73 लाख हेक्टेयर से उछलकर इस बार 49.37 लाख हेक्टेयर तथा मूंगफली का बिजाई क्षेत्र 1.14 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 1.40 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा। तिल के क्षेत्रफल में भी कुछ बढ़ोत्तरी हुई है।
इसके अलावा गुजरात में कपास का उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 40.79 लाख हेक्टेयर से कुछ घटकर इस बार 40.49 लाख हेक्टेयर रह गया। देश में सोयाबीन, अरहर, गन्ना एवं कपास के उत्पादन में महाराष्ट्र दूसरे नम्बर पर रहता है।