iGrain India - मास्को । एक अग्रणी विश्लेषक फर्म का कहना है कि पिछले सप्ताह के अंत में 12.5 प्रतिशत प्रोटीन वाले रूसी गेहूं का भाव गहरे समुद्र में स्थित बंदरगाहों पर पूर्ववर्ती सप्ताह के मुकाबले 1000 रूबल की जोरदार तेजी के साथ 15,500/16,000 रूबल प्रति टन पर पहुंच गया।
मई के अंतिम सप्ताह के बाद रूसी गेहूं के दाम में हुई यह सबसे बड़ी वृद्धि है। घरेलू उत्पादन अपेक्षाकृत कम होने की संभावना तथा मजबूत निर्यात मांग के कारण गेहूं का भाव तेज हुआ है।
रूस के दक्षिण भाग में 12.5 प्रतिशत प्रोटीन के अंश वाले गेहूं का दाम 650 रूबल बढ़कर 14,550 रूबल प्रति टन पर पहुंच गया जबकि मध्यवर्ती क्षेत्र में इसका भाव 11,600 रूबल प्रति टन के पुराने स्तर पर बरकरार रहा।
हाल के सप्ताहों के दौरान देश के दक्षिण भाग में निर्यातको की मांग काफी बढ़ी है और कीमत ऊंची होने से उत्पादन भी अपने स्टॉक की बिक्री में भारी सक्रियता दिखा रहे है। 30 जुलाई तक गेहूं की बक़ाया बिक्री की मात्रा बढ़कर 32 लाख टन पर पहुंच गई जो 30 जून की मात्रा 26 लाख टन से 6 लाख टन अधिक रही।
जुलाई 2024 के दौरान रूस के निर्यातकों ने टेंडर के माध्यम से गेहूं की बिक्री में जबरदस्त दिलचस्पी दिखाई। अफ्रीकी देश- मिस्र की सरकारी एजेंसी-जीएएससी ने टेंडर के जरिए जुलाई में रूस से 7.20 लाख टन गेहूं की खरीद की।
इसी तरह अल्जीरिया की ओएआईसी एजेंसी द्वारा कुल मिलाकर 6 से 8 लाख टन तक गेहूं खरीदा गया जिसमें से कुछ मात्रा की आपूर्ति रूस से की जाएगी।
हालांकि रूसी गेहूं के एक महत्वपूर्ण खरीदार देश- तुर्की ने मध्य अक्टूबर तक इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न के आयात पर प्रतिबंध लगा रखा है मगर इससे रूस के निर्यातकों को कोई विशेष परेशानी नहीं हो रही है क्योंकि उसे विकल्प के तौर पर कई नए बाजार मिल गए हैं।
जुलाई 2024 में रूस से 32 लाख टन गेहूं का निर्यात हुआ जो पंचवर्षीय औसत 30 लाख टन से ज्यादा मगर जुलाई 2023 के शिपमेंट 45 लाख टन से काफी कम रहा। रूस दुनिया में गेहूं का सबसे प्रमुख निर्यातक एवं तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है।