iGrain India - मुम्बई । भारत में 2024-25 के सीजन में यूक्रेन से सूरजमुखी तेल का आयात कम होने तथा रूस से आयात काफी बढ़ने की उम्मीद है। पिछले कुछ महीनों से इसके स्पष्ट संकेत भी मिल रहे हैं।
एक अग्रणी व्यापार विश्लेषक के अनुसार भारत में 2023 -24 के दौरान 35 लाख टन क्रूड सूरजमुखी तेल का आयात होने का अनुमान है जो 2024-25 में घटकर 34 लाख टन पर सिमट सकता है।
इस सीमा तक पहुंचने के लिए भारत को रूस, अर्जेन्टीना और यहां तक कि यूरोपीय संघ के सदस्य देशों से सूरजमुखी तेल का आयात बढ़ाने की आवश्यकता पड़ेगी।
यूक्रेन में भीषण गर्मी एवं शुष्क मौसम के कारण सूरजमुखी फसल को काफी नुकसान होने की खबर है जिससे इसका कुल उत्पादन घटकर 125 लाख टन के करीब रह जाएगा और उसमें तेल का अंश भी कम रहेगा।
दूसरी ओर पाम तेल का आयात 2023-24 के 92 लाख टन से सुधरकर 2024-25 में 93 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान लगाया गया है।
इसी तरह सोया तेल का आयात 32 लाख टन से बढ़कर 33 लाख टन तथा खाद्य तेलों का कुल आयात 159 लाख टन से सुधरकर 160 लाख टन पर पहुंचने की संभावना व्यक्त की गई है
जो 2022-23 सीजन के रिकॉर्ड आयात 164.70 लाख टन से कुछ कम है। इससे पूर्व 2021-22 में 141.46 लाख टन तथा 2020-21 के मार्केटिंग सीजन में 132.22 लाख टन खाद्य तेल का आयात किया गया था।
विश्लेषक के अनुसार भारत को इंडोनेशिया से क्रूड पाम तेल (सीपीओ) का आयात करने में कठिनाई हो सकती है क्योंकि वहां रिफाइंड पामोलीन के निर्यात को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
इंडोनेशिया में पाम तेल की नई-नई प्रोसेसिंग इकाइयां स्थापित हो रही है। जहां तक सोया तेल की बात है तो अर्जेन्टीना से इसका आयात बढ़ सकता है
क्योंकि वहां सोयाबीन के उत्पादन में लगभग दोगुना इजाफा हुआ है लेकिन ब्राजील से सोया तेल का आयात सीमित हो सकता है।