iGrain India - बेहतर बिजाई एवं कमजोर मांग से सोयाबीन का भाव नरम
नई दिल्ली । वर्तमान खरीफ सीजन में सोयाबीन का बिजाई क्षेत्र बढ़कर न केवल पिछले साल से बल्कि पंचवर्षीय औसत क्षेत्रफल से भी ऊपर पहुंच चुका है। आमतौर पर मौसम की हालत भी अनुकूल है जिससे इसके उत्पादन में बढ़ोत्तरी होने के आसार हैं। किसानों के पास अब भी पुराना स्टॉक अच्छी मात्रा में बचा हुआ है जबकि नया माल 2 माह में आना शुरू हो जाएगा।
प्लांट भाव
क्रशिंग इकाइयों की कमजोर मांग के कारण 26 जुलाई से 1 अगस्त वाले सप्ताह के दौरान तीनों शीर्ष उत्पादक राज्यों- मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र तथा राजस्थान में सोयाबीन के प्लांट डिलीवरी मूल्य में 50-100 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन 2023-24 के 4600 रुपए प्रति क्विंटल से 6.3 प्रतिशत बढ़ाकर 2024-25 सीजन के लिए 4892 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया है जबकि इसका भाव इससे बहुत नीचे चल रहा है।
सोया तेल (रिफाइंड)
सोया रिफाइंड तेल का दाम भी सप्ताह के दौरान 10-15 रुपए प्रति 10 किलो तक घट गया। आमतौर पर यह 935-950 रुपए प्रति 10 किलो के बीच आ गया। इससे मिलर्स को ऊंचे दाम पर सोयाबीन खरीदने का प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है। मुम्बई में सोया रिफाइंड तेल का भाव 20 रुपए घटकर 950 रुपए, कांडला में 10 रुपए गिरकर 930 रुपए तथा हल्दिया में 5 रुपए फिसलकर 925 रुपए प्रति 10 किलो रह गया। कोटा में भी भाव 10 रुपए की गिरावट के साथ 960 रुपए प्रति 10 किलो पर आ गया।
आवक
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में सोयाबीन की आवक 29 जुलाई को 2.10 लाख बोरी, 30 जुलाई को 2.25 लाख बोरी, 31 जुलाई को 2.10 लाख बोरी तथा 1 अगस्त को 2.25 लाख बोरी दर्ज की गई। सोयाबीन की प्रत्येक बोरी 100 किलो की होती है।
सोया (डीओसी)
सोयाबीन डीओसी का निर्यात प्रदर्शन सामान्य रहा जबकि घरेलू मांग कुछ कमजोर रही। इससे कीमतों पर असर पड़ा। पशु आहार निर्मण में सोयामील की खपत कम हो रही है क्योंकि बारिश का मौसम होने से सभी पशुओं के लिए हरा चारा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो रहा है। सोयाबीन की फसल अच्छी हालत में है।