iGrain India - सामान्य कारोबार के बीच गेहूं की कीमतों में मिश्रित रूख
नई दिल्ली । खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत नीलामी की तिथि स्पष्ट नहीं होने से कुछ मंडियों में मिलर्स / प्रोसेसर्स एवं व्यापारियों की खरीद जारी रहने के कारण 27 जुलाई - 2 अगस्त वाले सप्ताह के दौरान गेहूं का भाव ऊंचा हो गया लेकिन कुछ अन्य मंडियों में दाम नीचे आ गया या पुराने स्तर पर ही बरकरार रहा।
दिल्ली
आलोच्च्य सप्ताह के दौरान दिल्ली में यूपी / राजस्थान के गेहूं का दाम 30 रुपए बढ़कर 2680/2690 रुपए प्रति क्विंटल तथा देवास में 200 रुपए उछलकर 2300/3200 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया जबकि गुजरात के राजकोट में 100 रुपए गिरकर 2500/3000 रुपए प्रति क्विंटल रह गया। इंदौर में भी 50 रुपए की नरमी रही और डबरा में भाव 20 रुपए गिर गया। राजस्थान के कोटा एवं बूंदी में गेहूं का भाव क्रमश: 25 रुपए एवं 15 रुपए सुधर गया।
उत्तर प्रदेश
इसी तरह उत्तर प्रदेश की मंडियों में भी इसके दाम में 10-20 रुपए की तेजी रही। हरदोई में गेहूं का मूल्य 50 रुपए सुधरकर 2500 रुपए प्रति क्विंटल तथा महाराष्ट्र की जालना मंडी में 100 रुपए बढ़कर 2550/3600 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया।
आवक
देश की अधिकांश मंडियों में सीमित मात्रा में गेहूं की आपूर्ति हो रही है। दिल्ली में 4 से 8 हजार बोरी की दैनिक आवक रही जबकि प्रमुख उत्पादक राज्यों की महत्वपूर्ण मंडियों में अलग-अलग आवक इससे कम देखी गई।
बिक्री
हालांकि केन्द्र सरकार ने ओएमएसएस के तहत बेचे जाने वाले गेहूं का न्यूनतम आरक्षित मूल्य निर्धारित कर दिया है जो एफएक्यू श्रेणी के लिए 2325 रुपए प्रति क्विंटल तथा यूआरएस किस्म के लिए 2300 रुपए प्रति क्विंटल नियत हुआ है मगर साप्ताहिक ई-नीलामी की प्रक्रिया आरंभ नहीं होने से मिलर्स / प्रोसेसर्स को मंडियों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही सरकारी गेहूं की बिक्री शुरू हो जाएगी लेकिन रिजर्व मूल्य ऊंचा रहने एवं किराया-भाड़ा अतिरिक्त होने से इस बार सरकारी गेहूं ज्यादा आकर्षक रहने में संदेह है। सरकारी गोदामों में गेहूं का विशाल अधिशेष सटक भी नहीं है जबकि उसमें से फरवरी 2025 तक गेहूं की बिक्री जारी रखने की कोशिश की जाएगी। बिक्री का मामला काफी जटिल प्रतीत होता है।