iGrain India - चंडीगढ़ । चालू खरीफ सीजन के दौरान पंजाब में मक्का का बिजाई क्षेत्र उछलकर 1.23 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है जो पिछले आठ वर्षों में सबसे ज्यादा है।
पंजाब सरकार एवं औद्योगिक फसल के रूप में किसानों से मक्का की खरीद के लिए अपनी अधिकृत अग्रणी सहकारी एजेंसी-मार्कफेड को दायित्व सौंप सकती है।
पंजाब में एथनॉल निर्माण के 18 प्लांट हैं जिसमें मक्का की भारी मांग रहती है। इसे पूरा करने में मार्कफेड द्वारा खरीदा जाने वाला मक्का महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
पिछले खरीफ सीजन में पंजाब में मक्का का बिजाई क्षेत्र 94 हजार हेक्टेयर पर सिमट गया था। चालू सीजन के लिए वहां इसका लक्ष्य 30 प्रतिशत बढ़ाया गया मगर वास्तविक क्षेत्रफल 55 प्रतिशत तक ही पहुंच सका।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस बार राज्य में क्षेत्रफल 1.23 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा है जिसमें चारे के तौर पर इस्तेमाल होने वाले मक्का की खेती भी शामिल है।
कृषि विभाग के फील्ड स्टॉक ने किसानों को धान के बजाए मक्का की खेती को वरीयता देने के लिए प्रोत्साहित किया जिसमें उसे कुछ सफलता मिल गई।
कृषि निदेशक के अनुसार इस वर्ष मक्का का क्षेत्रफल नियत लक्ष्य से पीछे रहा मगर पिछले साल से 30 प्रतिशत बढ़ गया। केन्द्र सरकार ने एक अधिसूचना के जरिए आश्वासन दिया है कि किसानों से 2225 रुपए बढ़ गया।
केन्द्र सरकार ने एक अधिसूचना के जरिए आश्वासन दिया है कि किसानों से 2225 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मक्का खरीदा जाएगा और एथनॉल उद्योग भी इसकी आपूर्ति चाहता है।
चालू वर्ष का अनुभव आगामी साल फसल विविधिकरण की गति को तेज करने में सहायक साबित होगा। मार्कफेड को किसानों से एमएसपी पर मक्का खरीदने का दायित्व सौंपा जा सकता है।
राज्य सरकार शीघ्र ही इस सम्बन्ध में निर्णय होने वाली है। अगैती बिजाई वाले मक्का की नई फसल की कटाई मध्य सितम्बर से आरंभ होगी जो मध्य अक्टूबर तक जारी रह सकती है।