iGrain India - गुंटूर । दक्षिण भारत के दोनों प्रमुख उत्पादक प्रांतों- आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना की महत्वपूर्ण मंडियों में सामान्य से कम कारोबार होने के कारण लालमिर्च के दाम में नरमी का माहौल देखा जा रहा है।
समझा जाता है कि उत्पादक मंडियों में लालमिर्च की आवक तो ठीक ठाक हो रही है मगर इसमें हल्की क्वालिटी के माल की हिस्सेदारी ज्यादा रहती है जिससे खासकर निर्यातकों की सक्रियता घट गई है।
इसके अलावा दिसावरी खपत केन्द्रों में फिलहाल माल का स्टॉक ज्यादा नहीं घटा है और व्यापारी घटते दाम को देखते हुए कुछ और समय तक इंतजार कर सकते हैं।
गुंटूर सहित अन्य प्रमुख मंडियों में लालमिर्च की सामान्य आवक हो रही है। पिछले दिनों गुंटूर (आंध्र प्रदेश) में इसकी आपूर्ति 45-50 हजार बोरी दर्ज की गई जबकि कीमतों में कोई भारी उतार-चढ़ाव नहीं देखा गया।
कीमतों में नरमी या स्थिरता को देखते हुए उत्पादकों को अपने स्टॉक की बिक्री सीमित रखने पर विचार करना पड़ सकता है। लालमिर्च की बिजाई समाप्त होने के बाद अब फसल प्रगति के विभिन्न दौर से गुजर रही है।
लालमिर्च में घरेलू एवं निर्यात मांग अभी और नहीं पकड़ पाई है। बांग्ला देश इसका एक महत्वपूर्ण खरीदार है लेकिन वहां राजनैतिक अराजकता के कारण कारोबार पिछले कई दिनों से ठप्प पड़ा हुआ है।
चीन में भी मांग कुछ कमजोर है। घरेलू प्रभाग में जोरदार मांग अभी नहीं देखी जा रही है। लेकिन व्यापार विश्लेषकों का कहना है कि ये सब अस्थायी घटानाएं है और जल्दी ही लालमिर्च में सामान्य कारोबार आरंभ हो सकता है।
बारिश की वजह से कुछ क्षेत्रों में माल की आवाजाही प्रभावित हो रही है। उत्पादक राज्यों में अच्छी वर्षा होने से फसल की हालत बेहतर बताई जा रही है।
उत्पादक मंडियों में जब तक हल्की क्वालिटी के माल की आवक ज्यादा होती रहेगी तब तक कीमतों में भारी तेजी आना मुश्किल होगा। अच्छी क्वालिटी की लालमिर्च आने पर दिसावरी व्यापारियों एवं निर्यातकों की सक्रियता बढ़ेगी।