भारत में खरीफ की बुआई में 1.4% की वृद्धि देखी गई है, जो 979.89 लाख हेक्टेयर में हुई है। धान का रकबा 4.3% बढ़कर 331.78 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो इसके सामान्य रकबे का 83% है। अरहर, मक्का और तिलहन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जबकि कपास और कुछ बाजरा में गिरावट आई है। कुल दलहन और पोषक अनाज के रकबे में सकारात्मक वृद्धि देखी गई है।
मुख्य बातें
खरीफ की बुआई की प्रगति: 9 अगस्त तक, धान को छोड़कर सभी फसलों की खरीफ बुआई 979.89 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो पिछले साल के 966.40 लाख हेक्टेयर से 1.4% अधिक है। सामान्य रकबा 1,095.84 लाख हेक्टेयर है।
धान के रकबे में वृद्धि: धान का रकबा पिछले साल के 318.16 लाख हेक्टेयर से 4.3% बढ़कर 331.78 लाख हेक्टेयर हो गया है। यह सामान्य रकबे 401.55 लाख हेक्टेयर का 83% है।
अरहर और दलहन का विस्तार: बाजार में ऊंचे भावों के कारण अरहर की बुआई 16% बढ़कर 44.57 लाख हेक्टेयर हो गई है। कुल दलहन की बुआई 7% बढ़कर 117.43 लाख हेक्टेयर हो गई है।
मक्का और पोषक-अनाज की वृद्धि: मक्का का रकबा पिछले साल के मुकाबले 8% बढ़कर 85.17 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि कुल पोषक-अनाज का रकबा पिछले साल के मुकाबले 1% बढ़कर 173.13 लाख हेक्टेयर हो गया है।
तिलहन का रकबा बढ़ा: सोयाबीन का रकबा सामान्य से बढ़कर 124.69 लाख हेक्टेयर हो गया है। तिलहन के अंतर्गत कुल क्षेत्रफल 1% बढ़कर 183.69 लाख हेक्टेयर हो गया है।
कपास और गन्ना कवरेज: कपास का क्षेत्रफल 9% घटकर 110.49 लाख हेक्टेयर रह गया है, जबकि गन्ने का क्षेत्रफल 57.68 लाख हेक्टेयर है, जो सामान्य क्षेत्रफल से 13% अधिक है।
मूंगफली विस्तार: मूंगफली की बुवाई 8% बढ़कर 45.42 लाख हेक्टेयर हो गई है, जो पिछले साल के 41.91 लाख हेक्टेयर से ऊपर की ओर रुझान को जारी रखती है।
निष्कर्ष
भारत की खरीफ बुवाई की प्रगति कई प्रमुख फसलों के लिए आशाजनक मौसम का संकेत देती है, जिसमें धान, दालें और मक्का में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। तिलहन और मूंगफली में वृद्धि कृषि उत्पादन के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण का समर्थन करती है। हालांकि, कपास और कुछ बाजरा में गिरावट फसल प्रदर्शन में परिवर्तनशीलता का संकेत देती है। कुल मिलाकर, यदि मौसम की स्थिति अनुकूल रहती है, तो मौजूदा रुझान अधिकांश प्रमुख फसलों में संभावित रूप से मजबूत फसल की ओर इशारा करते हैं।