iGrain India - नई दिल्ली । दक्षिण-पश्चिम मानसून की अच्छी बारिश होने से खरीफ फसलों को बिजाई की गति तेज बनी हुई है। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वर्ष के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर खरीफ फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र 12 अगस्त तक बढ़कर 979.89 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया
जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 966.40 लाख हेक्टेयर से 13.49 लाख हेक्टेयर ज्यादा है। अनेक क्षेत्रों में फसलों की जोरदार बिजाई अभी जारी है।
पिछले साल की तुलना में चालू खरीफ सीजन के दौरान धान का उत्पादन क्षेत्र 318.16 लाख हेक्टेयर से उछलकर 331.78 लाख हेक्टेयर,
दलहन फसलों का बिजाई क्षेत्र 110.08 लाख हेक्टेयर बढ़कर 117.43 लाख हेक्टेयर, मोटे अनाजों का रकबा 171.36 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 173.13 लाख हेक्टेयर तथा तिलहनों का क्षेत्रफल 182.17 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 183.69 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा।
नकदी का औद्योगिक फसलों के संवर्ग में गन्ना का उत्पादन क्षेत्र तो गत वर्ष के 57.11 लाख हेक्टेयर से सुधरकर इस बार 57.68 लाख हेक्टेयर पर पहुंच मगर कपास का बिजाई क्षेत्र इसी अवधि में 12.24 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 110.49 लाख हेक्टेयर पर अटक गया।
देश के धिकांष प्रमुख धान उत्पादक राज्यों में अगस्त के शुरुआती 10 दिनों में मानसून की भारी बारिश हुई जिससे किसानों को इसकी रोपाई की गति तेज करने में सहायता मिली।
दलहन फसलों में उम्मीद के अनुरूप अरहर (तुवर) का उत्पादन क्षेत्र उछलकर 44.57 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो पिछले साल के क्षेत्रफल 38.49 लाख हेक्टेयर से 6.08 लाख हेक्टेयर ज्यादा है।
इसी तरह मूंग का बिजाई क्षेत्र 29.89 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 3278 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा मगर उड़द का रकबा 28.83 लाख हेक्टेयर से गिरकर 27.76 लाख हेक्टेयर तथा मोठ का रकबा 9.28 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 8.69 लाख हेक्टेयर पर अटक गया।
इसी तरह समीक्षाधीन अवधि के दौरान तिलहन फसलों में सोयाबीन का उत्पादन क्षेत्र 122.89 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 124.69 लाख हेक्टेयर तथा मूंगफली का बिजाई क्षेत्र 41.61 लाख हेक्टेयर से उछलकर 45.42 लाख हेक्टेयर हो गया मगर तिल का क्षेत्रफल 11.14 लाख हेक्टेयर से गिरकर 10.14 लाख हेक्टेयर तथा अरंडी का रकबा 5.34 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 2.44 लाख हेक्टेयर रह गया।
मोटे अनाजों में बाजरा का उत्पादन क्षेत्र 68.81 लाख हेक्टेयर से घटकर 65.69 लाख हेक्टेयर तथा रागी का रकबा 5.91 लाख हेक्टेयर से गिरकर 3.61 लाख हेक्टेयर रह गया
मगर ज्वार का बिजाई क्षेत्र 13.29 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 14.23 लाख हेक्टेयर तथा मक्का का उत्पादन क्षेत्र 79.17 लाख हेक्टेयर से उछलकर 85.17 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।